भारतीय तटरक्षक ने अरब सागर में बीच समुद्र में की गई एक कार्रवाई में मछली पकड़ने वाली एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को घेर लिया जिसमें विस्फोटक भरा हुआ था लेकिन उस पर सवार चार लोगों ने नौका में आग लगा दी जिससे उसमें हुए विस्फोट में वे चारों उसके साथ ही डूब गए। इस कार्रवाई से संभवत: 26 नवम्बर 2008 को हुए मुम्बई आतंकवादी हमले जैसा हमला टल गया है।
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नई दिल्ली : भारतीय तटरक्षक ने अरब सागर में बीच समुद्र में की गई एक कार्रवाई में मछली पकड़ने वाली एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को घेर लिया जिसमें विस्फोटक भरा हुआ था लेकिन उस पर सवार चार लोगों ने नौका में आग लगा दी जिससे उसमें हुए विस्फोट में वे चारों उसके साथ ही डूब गए। इस कार्रवाई से संभवत: 26 नवम्बर 2008 को हुए मुम्बई आतंकवादी हमले जैसा हमला टल गया है।
यह घटना उसी तरह की है जिसमें आतंकवादी कराची से एक नौका में आये थे और उन्होंने 26 नवम्बर 2008 को मुम्बई में भीषण आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था। ताजा घटना 31 दिसम्बर की रात में उस समय हुई जब भारतीय तटरक्षक ने नौका पाकिस्तान से लगे समुद्री सीमा से भारतीय क्षेत्र में आठ किलोमीटर भीतर देखा। एक गुप्तचर सूचना पर आधारित यह कार्रवाई गत 31 दिसम्बर की आधी रात में की गई जिसमें तटरक्षक जहाजों और विमान द्वारा गुजरात के पोरबंदर से करीब 365 किलोमीटर दूर समुद्र में मछली पकड़ने वाली संदिग्ध नौका को रोकने का प्रयास किया गया।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ऐसी सूचना थी कि कराची के केटी बंदरगाह से मछली पकड़ने वाली एक नौका से अरब सागर में कुछ नियम विरूद्ध कार्य की योजना बनायी जा रही है। सूचना के आधार पर भारतीय तटरक्षक के एक डोर्नियर विमान ने समुद्र-हवाई समन्वित तलाशी अभियान शुरू किया और मछली पकड़े जाने वाली संदिग्ध नौका का पता लगा लिया। इसके बाद क्षेत्र में गश्त कर रहे तटरक्षक जहाज को उस ओर भेजा गया। तटरक्षक जहाज 31 दिसम्बर की आधी रात को पोरबंदर से 365 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम दिशा में संदिग्ध नौका के पास पहुंच गया। जारी
तटरक्षक बल के जहाज ने मछली पकड़ने वाली नौका को रूकने की चेतावनी दी ताकि उसके चालक दल एवं कार्गो की जांच की जा सके। यद्यपि नौका ने अपनी गति बढ़ा दी और भारत की समुद्री सीमा से दूर भागने का प्रयास किया। नौका का पीछा करने का सिलसिला करीब एक घंटे तक चला और तटरक्षक दल ने चेतावनी देने के लिए गोलियां दागी और वह उस नौका को रोकने में सफल रहा। बयान में कहा गया है कि नौका पर चार व्यक्तियों को देखा गया जिन्होंने तटरक्षक की रूकने और जांच में सहयोग करने की सभी चेतावनियों को नजरंदाज किया। बयान में कहा गया है कि इसके कुछ ही देर बाद नौका के चालक दल के सदस्य नीचे के डेक कंपार्टमेंट में छुप गए और नौका में आग लगा दी। इसके परिणामस्वरूप एक विस्फोट हुआ जिसके बाद नौका में भयंकर आग लग गई।
अंधेरा, खराब मौसम और तेज हवाओं के चलते नौका और उस पर सवार लोगों को न तो बचाया जा सका और न ही उनकी बरामदगी ही हो सकी। नौका एक जनवरी को तड़के उसी स्थिति में जलकर डूब गई। 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले में शामिल 10 आतंकवादी पाकिस्तान के कराची से एक नौका में मुम्बई पहुंचे थे। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। बयान में कहा गया है कि तटरक्षक जहाज और विमान इस बात का पता लगाने के लिए क्षेत्र में अभियान जारी रखे हुए हैं कि इसमें कहीं कोई जिंदा तो नहीं बच गया था।