हुर्रियत नेता मीरवाइज ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त बासित से की मुलाकात
Advertisement

हुर्रियत नेता मीरवाइज ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त बासित से की मुलाकात

हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने रविवार रात पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित से मुलाकात की ताकि हाल में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए विदेश सचिव स्तर की वार्ता में इस्लामाबाद के रुख को समझ सकें और उन्हें राज्य की ‘‘जमीनी स्थिति’’ से रू-ब-रू करा सकें।

नई दिल्ली : हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने रविवार रात पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित से मुलाकात की ताकि हाल में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए विदेश सचिव स्तर की वार्ता में इस्लामाबाद के रुख को समझ सकें और उन्हें राज्य की ‘‘जमीनी स्थिति’’ से रू-ब-रू करा सकें।

दिल्ली पहुंचने के बाद मीरवाइज ने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण है कि आप समझिए, अगर हमें हिंसा को खत्म करना है, कश्मीर में सैन्य समाधान नहीं हो सकता। इसका हिंसा के माध्यम से समाधान नहीं हो सकता।’’ वह कल पाकिस्तान दिवस समारोह में शिरकत करने के लिए सात सदस्यीय दल के साथ दिल्ली आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन साथ ही हमारे पास समानान्तर राजनीतिक प्रक्रिया भी होनी चाहिए ताकि इस समाधान की तरफ हम आगे बढ़ सकें। हुर्रियत का मानना है कि कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है, यह अच्छा या खराब प्रशासन की समस्या नहीं है। यह न तो जमीन का विवाद है न ही क्षेत्रीय विवाद। यह मुद्दा लोगों के बारे में है। कुछ आंदोलन आगे बढ़ने दीजिए, कुछ राजनीतिक पहल होने दीजिए। हम उस प्रक्रिया का समर्थन करने को तैयार हैं, नयी दिल्ली के साथ ही इस्लामाबाद के माध्यम से।’’

मीरवाइज ने बाद में बासित से उच्चायुक्त के आवास पर मुलाकात की जहां बासित ने उन्हें भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी के बीच हुई वाता पर इस्लामाबाद के रुख के बारे में बताया। एक पखवाड़े पहले बासित दिल्ली में कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के आवास पर गए थे और उन्हें वार्ता से अवगत कराया था।

पाकिस्तानी उच्चायुक्त के साथ वार्ता के लिए जाने से पहले मीरवाइज ने बताया कि उनका समूह कश्मीर मुद्दे के समाधान के पक्ष में है और पूरे उपमहाद्वीप में शांति कायम करने और उसे मजबूत करने के लिए  ‘‘पुल के रूप में’’ काम करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देश एक-दूसरे से करीब छह दशक से वार्ता कर रहे हैं लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। हमारा विश्वास है कि हुर्रियत एक प्लेटफॉर्म, एक पुल बन सकता है जहां दोनों देश पूरे क्षेत्र के लिए शांति को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।’’

मीरवाइज के अलावा प्रतिनिधिमंडल में अब्दुल गनी भट, मौलाना अब्बास अंसारी, बिलाल गनी लोन, आगा सैयद हसन, मुसादिक आदिल और मुख्तार अहमद वाजा शामिल हैं। मीरवाइज ने कहा कि हुर्रियत कान्फ्रेंस हमेशा चाहता है कि दोनों देशों को वार्ता करनी चाहिए और कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों का समाधान करना चाहिए।

हुर्रियत कांफ्रेंस के मीरवाइज धड़े ने दोनों देशों के बीच वार्ता की वकालत की है और अटल बिहारी वाजपेयी नीत राजग शासन एवं मनमोहन सिंह की संप्रग सरकार के साथ वार्ता कर चुकी है।

नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पिछले वर्ष अगस्त में बासित और कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के बीच बैठक के बाद विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी। भारत सरकार की अपील के बावजूद बैठक होने के कारण वार्ता रद्द की गई थी।

Trending news