Pashupati Kumar Paras LJP के संसदीय दल के नेता बने, स्‍पीकर ने लगाई मुहर
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Pashupati Kumar Paras LJP के संसदीय दल के नेता बने, स्‍पीकर ने लगाई मुहर

पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) LJP के संसदीय दल के नेता बन गए हैं. उनके नाम पर लोक सभा के स्पीकर ने मुहर लगा दी है. उधर चाचा के दरवाजे से नाउम्मीद होकर चिराग पासवान (Chirag Paswan) को वापस लौटना पड़ा.

 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के 6 लोक सभा सदस्यों में से पांच ने, दल के मुखिया चिराग पासवान (Chirag Paswan) को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने के लिए हाथ मिला लिया है और उनकी जगह उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद के लिए चुन लिया है. पारस को LJP के दल के मुखिया के तौर पर लोक सभा अध्यक्ष ने मंजूरी दे दी है. 

यहां से टूट हुई उजागर

पशुपति पारस को LJP के संसदीय दल का नेता बनाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है. इससे 1 दिन पहले 5 सांसदों ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपने निर्णय की जानकारी दी थी. पारस ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सराहना करते हुए उन्हें एक अच्छा नेता और ‘विकास पुरुष’ बताया और इसके साथ ही पार्टी में एक बड़ी दरार उजागर हो गई क्योंकि पारस के भतीजे चिराग पासवान JDU अध्यक्ष के धुर आलोचक रहे हैं.

पार्टी में कौन है चिराग का करीबी?

हाजीपुर से सांसद पारस ने कहा, ‘मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है.’ उन्होंने कहा कि LJP के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता पासवान के नेतृत्व में 2020 के बिहार विधान सभा चुनाव में JDU के खिलाफ पार्टी के लड़ने और खराब प्रदर्शन से नाखुश हैं. चुनाव में खराब प्रदर्शन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि LJP टूट के कगार पर थी. उन्होंने पासवान के एक करीबी सहयोगी को संभावित तौर पर इंगित करते हुए पार्टी में 'असमाजिक' तत्वों की आलोचना की. पासवान से उस नेता की करीबी पार्टी के कई नेताओं को खटक रही थी.

चिराग पासवान का भविष्य क्या? 

पारस ने कहा कि उनका गुट BJP नीत NDA सरकार का हिस्सा बना रहेगा और पासवान भी संगठन का हिस्सा बने रह सकते हैं. चिराग पासवान के खिलाफ हाथ मिलाने वाले पांच सांसदों के समूह ने पारस को सदन में LJP का नेता चुनने के अपने फैसले से लोक सभा अध्यक्ष को अवगत करा दिया. पांच सांसदों ने रविवार रात को लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और चिराग पासवान की जगह पारस को अपना नेता चुने जाने के फैसले से उन्हें अवगत कराया. 

चाचा से मुलाकात नहीं कर पाए चिराग

इस मुद्दे पर चिराग पासवान की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आई है. पारस के पत्रकारों से बात करने के बाद चिराग पासवान राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनके चाचा के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे. पासवान के रिश्ते के भाई एवं सांसद प्रिंस राज भी इसी आवास में रहते हैं. बीते कुछ समय से पासवान की तबीयत ठीक नहीं चल रही, उन्होंने 20 मिनट से ज्यादा समय तक अपनी गाड़ी में ही इंतजार किया, जिसके बाद वह घर के अंदर जा पाए और 1 घंटे से भी ज्यादा समय तक घर के अंदर रहने के बाद वहां से चले गए. चिराग ने वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से कोई बात नहीं की.

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चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं सब

ऐसा माना जा रहा है कि दोनों असंतुष्ट सांसदों में से उनसे किसी ने मुलाकात नहीं की. एक घरेलू सहायक ने बताया कि पासवान जब आए तब दोनों सांसद घर पर मौजूद नहीं थे. सूत्रों ने बताया कि असंतुष्ट LJP सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं. इन नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार के खिलाफ लड़ने से प्रदेश की सियासत में पार्टी को नुकसान हुआ. कैसर को पार्टी का उप नेता चुना गया है.

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