पीडब्ल्यूडी मंत्री विजय इंदर सिंगला द्वारा पेश भारतीय दंड संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 को पंजाब विधानसभा ने पारित किया.
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चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से भारतीय दंड़ संहिता (आईपीसी) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में बदलाव कर धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को उम्रकैद की सजा के साथ दंडनीय बनाने का प्रस्ताव पारित किया.
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विजय इंदर सिंगला द्वारा पेश भारतीय दंड संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 को पंजाब विधानसभा ने पारित किया.
गौरतलब है कि पिछली शिअद-भाजपा सरकार के दौरान 2016 में पंजाब विधानसभा ने भारतीय दंड संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2016 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2016 को पारित किया था. तब इन संशोधनों को गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में उम्रकैद की सजा का प्रावधान करने के लिए लाया गया था.
हालांकि केंद्र सरकार ने यह कहते हुए इस पर आपत्ति जताई थी कि उम्रकैद की सजा को केवल एक धर्मग्रंथ और धर्म तक सीमित नहीं किया जा सकता और यह सभी के लिए होना चाहिए. ये दोनों पूर्व के विधेयक अब वापस ले लिए गए.
सदन में विधेयक पर बहस के दौरान आप के विधायक अमन अरोड़ा ने मांग की कि विधेयक में एक संशोधन के जरिए मामले की सुनवाई को छह माह के भीतर पूरा करने को अनिवार्य बनाया जाए. अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है.