Covid-19 महामारी के बीच 'कोरोनासोमनिया' का खतरा बढ़ा, जानें इस बीमारी के बारे में और बचने के उपाय
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Covid-19 महामारी के बीच 'कोरोनासोमनिया' का खतरा बढ़ा, जानें इस बीमारी के बारे में और बचने के उपाय

रॉयल फिलिप नाम की एक संस्था ने 13 देशों में नींद से जुड़ा एक सर्वे किया जिसमें 37 प्रतिशत लोगों ने माना कि महामारी ने उनकी नींद पर बुरा असर डाला है. 70% युवाओं को कोविड शुरू होने के बाद से ही नींद से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर की चिंताओं और डर के बीच अब इस महामारी ने आपकी नींद पर डाका डालना शुरू कर दिया है. कोविड महामारी के बाद अब लोग ठीक से सो नहीं पा रहे हैं. वायरस लोगों के शरीर ही नहीं बल्कि स्लीप पैटर्न (Sleep Pattern) को भी खतरे में डाल रहा है. कोरोना की वजह से होनेवाली अनिद्रा को 'कोरोनासोमनिया' (Coronasomnia) कहा जा रहा है. आइए जानते हैं कोरोनासोमनिया के बारे में सबकुछ.

क्या हैं कोरोनासोमनिया के लक्षण

क्या आपकी नींद अब पहले जैसी नहीं है? सोने की कोशिश करते हैं तब भी दिमाग कहीं न कहीं दौड़ता रहता है? अचानक नींद टूट जाती है और फिर दोबरा नींद आने में परेशानी होती है? तो हो सकता है कि आप कोरोना इंसोमनिया से जूझ रहे हों. कोरोना महामारी के बाद से दुनियाभर के लोग ठीक से सो नहीं पा रहे हैं और कोरोनासोमनिया का शिकार हो रहे हैं. अपनों को खोने की चिंता, कोरोना संक्रमण का डर, लक्षणों से निपटने का तनाव लोगों में साफ दिखाई दे रहा है. जिसका असर नींद पर असर पड़ रहा है. 

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तेजी से बढ़ रहे कोरोनासोमनिया के मरीज

अमेरिकन अकैडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन द्वारा साल 2020 में किए गए सर्वे के मुताबिक कोरोना से पहले 20 फीसदी लोग नींद से परेशान थे. कोरोना महामारी के बाद ये आंकड़ा बढ़कर 60 फीसदी हो गया है. रॉयल फिलिप नाम की एक संस्था ने 13 देशों में नींद से जुड़ा एक सर्वे किया जिसमें 37 प्रतिशत लोगों ने माना कि महामारी ने उनकी नींद पर बुरा असर डाला है. 70% युवाओं को कोविड शुरू होने के बाद से ही नींद से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं महिलाओं में यह समस्या सबसे ज्यादा देखी गई. 

दुनियाभर की बीमारियों को न्योता!

मैक्स हेल्थकेयर के डॉक्टर आई एम चुघ (Director, Respiratory & Sleep Disorders) का कहना है कि  कोरोनासोमनिया आपके दिल, दिमाग, उम्र, इम्युनिटी और एंटीबॉडी के लिए बड़ा खतरा है. नींद नहीं आने का सीधा संबंध आपके दिल, ब्लड प्रेसर, स्ट्रोक से जुड़ा है. नींद न आना आपके अंदर एंजायटी बढ़ा देता है. यहां तक कि 1 घंटे की कम नींद भी आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है. नींद पूरी न होने से मन में आत्महत्या जैसे विचार आने लगते हैं. 

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नींद नहीं आने से हो सकती हैं ये परेशानियां

उन्होंने कहा कि अगर आप 6 घंटे से कम नींद लेते हैं तो अलझाइमर का खतरा बढ़ जाता है. आप रात को महज 4 घंटे ही सोते हैं तो टेस्टोस्टेरॉन का स्तर 10 साल बड़े व्यक्ति जितना हो जाता है यानी आप 10 साल ज्यादा  उम्रदराज लगने लगते हैं. अगर आप अपनी तय नींद से 1 घंटा कम सोते हैं तो हार्टअटैक का खतरा 24 फीसदी बढ़ जाता है. 7 घंटे से कम नींद लेने पर सर्दी -खांसी, फ्लू का खतरा 3 गुना तक बढ़ जाता है. यहां तक कि पर्याप्त नींद न लेने से वैसीनेशन के बाद भी शरीर में एंटीबॉडी 50 फीसदी कम बनती है. 

गंगाराम हॉस्पिटल के डॉक्टर संजय मनचंदा (Sleep Medicine Senior Consultant) का कहना है कि अगर आप कोरोनासोमनिया से परेशान हैं या आपको नींद न आने की समसया है तो इससे पहले कि आप अनिद्रा से जुड़ी किसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाएं अपना ख्यार रख सकते हैं. इस बीमारी से बचने के लिए दवाओं की जरूरत नहीं है बल्कि कुछ एहतियाती कदम उठाकर आप कोरोनासोमनिया से बच सकते हैं. 

करें ये आसान उपाय

- बिस्तर पर जाने के 25 मिनिट बाद भी नींद न आए तो ध्यान करें. 
- दोपहर 2 बजे के बाद चाय, कॉफी कम पिएं. नींद की गहरी अवस्था, जिसमें रैपिड आई मूवमेंट होता है उसे कैफीन प्रभावित करती है. 
- बेड को वर्कस्टेशन ना बनाएं.  
- सुबह 15 मिनिट धूप जरूर लें.  
- सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करने से बचें. मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर की ब्लू स्क्रीन मेलाटोनिन हार्मोन की मात्रा को कम करती है. इससे पलकों का झपकना भी कम हो जाता है.
- नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक, बेडरूम का तापमान 16-19 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. यह नींद लाने में मदद करता है.

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