सुप्रीम कोर्ट में तूतीकोरिन हिंसा की CBI जांच की मांग
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सुप्रीम कोर्ट में तूतीकोरिन हिंसा की CBI जांच की मांग

 याचिका में तूतीकोरिन जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या के अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध भी किया गया है.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट के खिलाफ रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों की मौत के मामले में अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग वाली एक जनहित याचिका गुरुवार को दायर की गई. वकील जीएस मणि ने याचिका दायर की जिस पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है. याचिका में तूतीकोरिन जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या के अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध भी किया गया है.

इसमें तूतीकोरिन, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की भी मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच करायी जाए क्योंकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता के कारण राज्य पुलिस इस घटना की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच करने में सक्षम नहीं है.

अदालत का शवों को सुरक्षित रखने के आदेश में संशोधन से इंकार
मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपने उस आदेश में संशोधन करने से मना कर दिया जिसमें तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया गया था कि वह 22 मई को तूतीकोरिन में स्टरलाइट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के शवों को अगले आदेश तक सुरक्षित रखे.  न्यायमूर्ति टी रवींद्रन और न्यायमूर्ति पी वेलमुरुगन ने अदालत के आदेश में संशोधन की मांग वाली राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी और उसे 30 मई तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा. 

यह भी पढ़ेंः तमिलनाडु: वेंदाता की स्टरलाइट यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा, फायरिंग में 9 की मौत

सरकार ने कहा कि शवों को सुरक्षित रखने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी और विशेषज्ञों की राय का हवाला दिया कि शवों पर चोट की स्थिति में कोल्ड स्टोरेज में रखे जाने पर भी वे तेजी से सड़ेंगे. सरकार ने कहा कि इस तरह से बड़ी संख्या में शवों को सुरक्षित रखने से वे और तेजी से सड़ेंगे.

(इनपुट भाषा से)

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