मिशिगन विश्वविद्यालय में महामारी की विशेषज्ञ भ्रमर मुखर्जी का कहना है कि यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य टाइम बम पर बैठे हैं. यहां कोरोना विस्फोट होने से कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने कहा कि फरवरी में जब हर दिन 11 हजार केस और 91 मौतें हो रही थीं, उसके बाद से अगले 9 सप्ताह हमनें सिर्फ अनुमान लगाने में खर्च कर दिए.
कोरोना महामारी से देश में हाहाकार मचा हुआ है. देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन जैसी स्थिति है. महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बुरा हाल है. पिछले 24 घंटों में साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. एक दिन में 3 हजार मौतों के आंकड़ों ने डर को और बढ़ा दिया है.
विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले मई महीने में कोरोना महामारी अपना असली कहर बरपाएगी. हर रोज साढ़े चार हजार से ज्यादा लोगों की जान जा सकती है, तो 8-10 लाख लोग कोरोना पॉजिटिव मिलेंगे. ऐसा सिर्फ और सिर्फ प्रशासन की नाकामी के चलते हुआ है. मिशिगन विश्वविद्यालय में महामारी की विशेषज्ञ भ्रमर मुखर्जी का कहना है कि फरवरी में कोरोना ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया.
भ्रमर मुखर्जी की मानें तो अगर इस साल की शुरुआत से ही वैक्सीनेशन में तेजी लाई गई होती और अधिकतम नागरिकों तक वैक्सीन पहुंचाई गई होती, तो शायद कोरोना महामारी का ये रूप देखने को न मिलता. उन्होंने कहा कि हमने अपना बहुमूल्य समय गंवा दिया. भ्रमर मुखर्जी ने कहा कि कोरोना महामारी को रोकने के दो ही उपाय हैं.
भ्रमर मुखर्जी के मुताबिक कोरोना महामारी को या तो वैक्सीन से या फिर लॉकडाउन के माध्यम से रोका जा सकता है. लॉकडाउन इसका स्थाई हल नहीं है और पूरी दुनिया लॉकडाउन लगाने का हश्र देख चुकी है. उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में कोरोना महामारी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है.
मिशिगन यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सवा अरब से ज्यादा आबादी वाले देश में वैक्सीन हर किसी तक पहुंचाना बहुत कठिन काम है. ऐसे में लोगों को ही खुद का बचाव करना पड़ेगा. रिपोर्ट में ये बात बताई गई है कि फरवरी में कोरोना महामारी ने तेजी पकड़नी शुरू की थी, उसी समय हमें प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता से वैक्सीनेशन को अंजाम देना था. लेकिन उस बहुमूल्य समय में हम आंख बंद करके आराम से बैठ गए.
भ्रमर मुखर्जी ने ट्विटर पर लिखा कि यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य टाइम बम पर बैठे हैं. यहां कोरोना विस्फोट होने से कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने कहा कि फरवरी में जब हर दिन 11 हजार केस और 91 मौतें हो रही थीं, उसके बाद से अगले 9 सप्ताह हमनें सिर्फ अनुमान लगाने में खर्च कर दिए. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस एक अदृश्य शत्रु की तरह हमें घेर चुका है और इससे बचने का एक ही रास्ता है और वो है वैक्सीनेशन. बता दें कि भारत में 1 मई से 18 वर्ष की उम्र के सभी लोगों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. जिसके लिए 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया है.
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