अगर कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों को पीठ में दर्द रहता है और वो दो हफ्ते आराम करने के बाद भी ठीक नहीं होता है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में कोरोना को हराकर ठीक हुए 6 बुजुर्गों को पीठ में दर्द की शिकायत थी. जो बढ़ता ही जा रहा था. ऐसे में जब डॉक्टरों ने जांच की तो सभी बुजुर्गों की रीढ़ की हड्डी में इंफेक्शन पाया गया.
जुहू स्थित नानावती अस्पताल में स्पाइन सर्जन डॉक्टर मिहिर बापट ने साइड इफेक्ट के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि इनमें से 5 मरीजों में संक्रमण सबसे ज्यादा था. जिस कारण लोगों को रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन कराना पड़ा. इसके अलावा उन्हें एंटीबायोटिक भी दी गई. जिस कारण उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में करीब 3 महीने का समय लगेगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 68 साल के एक मरीज बुजुर्ग बताते हैं कि कोरोना के कारण वे मरते-मरते बचे हैं. आलम ये था कि उन्हें चार बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है. हालांकि ऑपरेशन के बाद वे घर पर हैं. और एक नर्स दिन में तीन बार उन्हें एंटीबॉयोटिक दवा देने के लिए घर आती है. जिनका रोजाना खर्च करीब 7000 हजार रुपये है.
एक अन्य डॉक्टर का कहना है कि रीढ़ की हड्डी में संक्रमण केवल अस्पताल के आईसीयू में पाए गए सूक्ष्म जीवों के कारण होता है, इसका मतलब है कि कोरोना का इलाज करवाने के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों को यहां रहने के दौरान ही इंफेक्शन हो रहा है.
हालांकि, डॉक्टर बापट का कहना है कि रीढ़ में हुआ संक्रमण कोरोना की वजह से नहीं है बल्कि कम इम्युनिटी की वजह से हो रहा है. कोरोना के जिन मरीजों में इम्युनिटी बहुत कम होती है, उनकी रीढ़ की हड्डी में इंफेक्शन हो सकता है. अगर कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों को पीठ में दर्द रहता है और वो दो हफ्ते आराम करने के बाद भी ठीक नहीं होता है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए.
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