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Deadly Weapons: इन विदेशी हथियारों से लैस होगा स्वदेशी LCH, बॉर्डर पर दुश्मनों में खलबली

Light Combat Helicopters: सीमा पर चीन और पाकिस्तान के साथ विवाद के बीच भारतीय वायुसेना को स्वेदशी हल्के हमलावर हेलीकॉप्टर्स (Light Combat Helicopters - LCH) मिल गए हैं, जिन्हें जोधपुर एयरबेस पर तैनात किया गया है. इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती के बाद सीमा पर आतंकी गतिविधियों पर विराम लगेगा और दुश्मनों में खलबली मच गई है. बता दें कि लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) को सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने विकसित किया है.

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लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) पर कई घातक हथियारों से लैस किया जा सकता है, जिससे एयर स्ट्राइक जैसे सैन्य ऑपरेशंस को आसानी से अंजाम दिया जा सकता है. इस हेलीकॉप्टर का मुख्य काम कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू के अलावा दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करना, घुसपैठ रोकना. ड्रोन, अनमैन्ड एरियल व्हीकल आदि को मार गिराना है. इसके अलावा यह अधिक ऊंचाई पर मौजूद दुश्मन के बंकरों को भी नष्ट कर सकता है.

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लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) की कॉकपिट के नीचे M621 Cannon लगी है, जो 20 मिलिमीटर की ऑटोमैटिक कैनन है और हर मिनट 800 गोलियां फायर कर सकती है. इस कैनन से निकली गोलियां 1005 मीटर प्रति सेकेंड की गति से दुश्मन की ओर बढ़ती हैं. इसे फ्रांसीसी कंपनी नेक्स्टर (Nexter) ने बनाया है और इसका वजन 45.5 किलोग्राम है, जबकि लंबाई 86.9 इंच और बैरल यानी नली की लंबाई 57 इंच होती है.

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लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) के विंग्स के नीचे लेजर गाइडेड रॉकेट यानी FZ275 LGR लगाया जा सकता है, जिसे फ्रांस की थेल्स (Thales) कंपनी ने बनाया है और बख्तरबंद व टैंक को भी उड़ा सकता है. एक रॉकेट का वजन 12.5 किलोग्राम और लंबाई 1.8 मीटर, जबकि व्यास 2.75 इंच होता है. इस रॉकेट की रेंज 1.5 से 8 किलोमीटर तक होती है और हवाई हमला कर सकता है. इसके अलावा इसे किसी युद्धपोत, सतह, विमान या जमीन से दागा जा सकता है.

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लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) में लेजर गाइडेड रॉकेट के अलावा हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल मिस्ट्रल (Mistral) भी लगाई जा सकती हैं, जिसे फ्रांसीसी कंपनी मात्रा डिफेंस (Matra Defence) ने बनाया है. इस मिसाइल का वजन 19.7 किलोग्राम और लंबाई 1.86 मीटर हैं, जबकि फायरिंग रेंग 6 से 7 किलोमीटर है.

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लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH)  में क्लस्टर बम और अनगाइडेड बम के अलावा ग्रैनेड लॉन्चर भी लगाए जा सकते हैं. यानी अलग-अलग सिचुएशन के लिए अलग-अलग तरह के बस का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) भविष्य में लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH)  में हेलिना (Helina) यानी ध्रुवास्त्र (Dhruvastra) लगाने की की योजना बना रही है, जिसको पहले नाग मिसाइल (Nag Missile) के नाम से जाना जाता था. इसे इंफ्रारेड इमेजिंग सीकर (IIR) तकनीक गाइड करती है और यह दुनिया के अत्याधुनिक एंटी-टैंक हथियारों में से एक है. ध्रुवास्त्र की रेंज 500 मीटर से लेकर 20 KM तक है, जबकि इसकी रफ्तार मिसाइल 828 किलोमीटर प्रतिघंटा है और यह पलक झपकते ही दुश्मन के टैंक को बर्बाद कर सकती है.

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