इन ‘टंग क्लीनर’ का कुल वजन 90 ग्राम है. मंदिर के अनुष्ठान के मुताबिक, यह दान भुवनेश्वर निवासी पद्मचरण पात्रा ने किया है. टंग क्लीनर का इस्तेमाल भगवान द्वारा सुबह उठने के बाद अनुष्ठान के दौरान किया जाता है. इससे पहले उन्होंने मंदिर को सोने से बनी सूर्य और चंद्र की आकृति दान की थी.
बताते चलें कि जगन्नाथ मंदिर ओडिशा राज्य के पुरी शहर में स्थित है. गंग वश के मिले ताम्रपत्रों के मुताबिक, मंदिर का निर्माण कलिंग राजा अनंतवर्मन चोडवंग देव ने शुरु करवाया. मंदिर के जगमोहन और विमान भाग का निर्माण 1078-1148 के दौरान हुआ। वर्तमान मंदिर का निर्माण राजा अनंग भीम ने सन 1197 ई0 में करवाया था.
इससे पहले हैदराबाद के बड़े बिजनेसमैन मोतुरी श्रीनिवास प्रसाद ने अपनी संग तिरुपति बालाजी के दर्शन कर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) अधिकारियों को सोने की ये तलवार सौंपी. बताया जा रहा है कि श्रीनिवास दंपति पिछले एक साल से तलवार सौंपना चाहते थे, लेकिन कोरोना की वजह से संभव नहीं हो पाया था.
जानकारी के अनुसार, सोने की इस तलवार 'सूर्य कटारी' को श्रीनिवास दंपति ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में विशेषज्ञ ज्वैलर्स द्वारा बनावाया है. इसे बनाने में करीब 6 महीने का वक्त लगा. साढ़े छह किलो वजनी इस सोने की तलवार को बनाया गया, तब इसकी कीमत तकरीब 1.8 करोड़ रुपये थे, लेकिन अभी इसकी कीमत करीब 4 करोड़ रुपये है.
जबकि तमिलनाडु के टेनी के जाने-माने कपड़ा व्यापारी थंगा दोराई ने 2018 मेंतिरुमाला स्थित भगवान वेंकटेश्वर को 1.75 करोड़ रुपये की सोने की तलवार दान में दी थी. सोने की तलवार या 'सूर्य कटारी' बनाने में लगभग छह किलोग्राम सोना लगा था. दोराई ने भी सुप्रभात सेवा के दौरान मंदिर के अधिकारियों को तलवार भेंट सौंपी थी.
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