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DNA ANALYSIS: दिन में 15 घंटे काम के बावजूद Delivery Boys की हालत इतनी बुरी, TISS की रिपोर्ट में खुलासा

Food Delivery Boys Condition: भारत में करीब 30 से 40 लाख लोग फूड डिलीवरी का काम करते हैं. इनमें से ज्यादातर लोग रोजी-रोटी कमाने के लिए एक दिन में 15 घंटे तक काम करते हैं लेकिन फिर भी न तो इनके साथ Regular Employee की तरह व्यवहार किया जाता है और न ही इनकी जॉब सिक्योरिटी होती है. इन्हें कोई छुट्टी भी नहीं मिलती है. इस रिपोर्ट में जानिए भारत में Delivery Boys की हालत क्या है...

भारत में 30 से 40 लाख लोग करते हैं फूड डिलीवरी का काम

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भारत में 30 से 40 लाख लोग करते हैं फूड डिलीवरी का काम

भारत में इस समय 30 से 40 लाख लोग अलग-अलग Digital Apps के जरिए Delivery का काम करते हैं.

भारत में डिलीवरी के बिजनेस में हैं ये कंपनियां

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भारत में डिलीवरी के बिजनेस में हैं ये कंपनियां

भारत में Amazon, Flipkart, Urban Company, Big Basket, Groffers, Swiggy, Zomato और Uber Eats जैसी कंपनियां डिलीवरी के बिजनेस में शामिल हैं.

एक महीने में महज इतने रुपये कमा पाते हैं Delivery Boy

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एक महीने में महज इतने रुपये कमा पाते हैं Delivery Boy

अहम बात ये है कि Swiggy और Zomato में Delivery Boy का काम करने वाला एक शख्स महीने में सिर्फ 15 से 20 हजार रुपये ही कमा पाता है.

Delivery Boy की जॉब पाने के लिए होनी चाहिए खुद की बाइक

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Delivery Boy की जॉब पाने के लिए होनी चाहिए खुद की बाइक

ये नौकरी भी Delivery Boys को तब मिलती है जब उनके पास खुद की बाइक होती है और एक Smartphone होता है.

15 घंटे से भी ज्यादा देर तक काम करते हैं Delivery Boy

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15 घंटे से भी ज्यादा देर तक काम करते हैं Delivery Boy

Tata Institute of Social Sciences की एक Study के मुताबिक, 18 प्रतिशत Delivery Boys को दिन में 15 घंटे या उससे ज्यादा काम करना पड़ता है.

47 फीसदी Delivery Boy करते हैं 12 से भी ज्यादा घंटे काम

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47 फीसदी Delivery Boy करते हैं 12 से भी ज्यादा घंटे काम

वहीं 47 प्रतिशत Delivery Boy दिन में 12 घंटे या उससे ज्यादा देर तक काम करते हैं.

Delivery Boys को नहीं मिलती कोई छुट्टी

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Delivery Boys को नहीं मिलती कोई छुट्टी

इन Delivery Boys को कोई छुट्टी नहीं मिलती और Bonus के लिए इन्हें त्योहार के दिन भी काम करना पड़ता है.

हफ्ते में 5 डिलीवरी कैंसिल होने पर जुर्माना

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हफ्ते में 5 डिलीवरी कैंसिल होने पर जुर्माना

हफ्ते में अगर पांच Delivery कैंसिल हो जाती हैं तो इन्हें 500 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ता है.

डिलीवरी ब्वॉय के साथ नहीं होता Regular Employee जैसा व्यवहार

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डिलीवरी ब्वॉय के साथ नहीं होता Regular Employee जैसा व्यवहार

Regular Employee को मिलने वाली कई तरह की सुविधाएं डिलीवरी ब्वॉय को नहीं मिलती हैं. इन्हें Provident Fund भी नहीं मिलता है.

फूड डिलीवरी में 18 से 30 साल की उम्र के ज्यादातर लोग

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फूड डिलीवरी में 18 से 30 साल की उम्र के ज्यादातर लोग

यहां समझने वाली बात ये है कि भारत में इस तरह का काम करने वाले 70 प्रतिशत लोग 18 से 30 साल की उम्र के होते हैं और सालों की मेहनत के बावजूद इनके पास न तो Job Security होती है और न ही भविष्य के लिए ये कोई पैसा जोड़ पाते हैं.

4.5 किलोमीटर के दायरे में Delivery के सिर्फ 42 रुपये

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4.5 किलोमीटर के दायरे में Delivery के सिर्फ 42 रुपये

अगर कोई शख्स 4.5 किलोमीटर के दायरे में किसी Delivery के लिए जाता है तो उसे इसके लिए सिर्फ 42 रुपये मिलते हैं.

4.5 किलोमीटर के दायरे के बाद 7 रुपये प्रति किलोमीटर

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4.5 किलोमीटर के दायरे के बाद 7 रुपये प्रति किलोमीटर

4.5 किलोमीटर के दायरे के बाद Delivery के प्रति किलोमीटर 7 रुपये मिलते हैं.

Zomato में डिलीवरी ब्वॉय को मिलते हैं महज 30 रुपये

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Zomato में डिलीवरी ब्वॉय को मिलते हैं महज 30 रुपये

Zomato की डिलीवरी करने पर डिलीवरी ब्वॉय को 30 रुपये मिलते हैं.

Uber Eats में डिलीवरी ब्वॉय को मिलते हैं इतने रुपये

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Uber Eats में डिलीवरी ब्वॉय को मिलते हैं इतने रुपये

Uber Eats में पहली 4 डिलीवरी पर डिलीवरी ब्वॉय को 40 रुपये प्रति ऑर्डर मिलते हैं.

हफ्ते में 7 दिन करना पड़ता है काम

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हफ्ते में 7 दिन करना पड़ता है काम

Delivery Boys को बीमार पड़ने पर कोई छुट्टी नहीं मिलती है और परिवार के सदस्यों के लिए Health Insurance भी नहीं होता है.

वर्दी नहीं पहनने पर Delivery Boys पर 500 रुपये का जुर्माना

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वर्दी नहीं पहनने पर Delivery Boys पर 500 रुपये का जुर्माना

वर्दी नहीं पहनने पर भी Delivery Boys पर 500 रुपये का जुर्माना लगता है. भारत में इसे लेकर कोई नियम कानून नहीं है. हालांकि हम चाहें तो अमेरिका और यूरोप के देशों से सीख सकते हैं. अगस्त 2020 में अमेरिका की एक कोर्ट ने UBER और दूसरी कंपनियों से कहा था कि वो अपने ड्राइवर्स के साथ अपने दूसरे कर्मचारियों की तरह ही पेश आएं और उन्हें वो सभी फायदे दें जो कंपनी के दूसरे कर्मचारियों को मिलते हैं.

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