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UNESCO World Heritage List 2021: इन स्मारकों और प्रतीकों को मिला विश्व धरोहर का दर्जा, देखिए PICS

बीजिंग: यूनेस्को (UNESCO) ने दुनिया के कई महत्वपूर्ण स्मारकों, प्राचीन सभ्यताओं से जुड़ी विरासतों को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दी है. मानव सभ्यता के विकास से जुड़े ये प्रतीक अपने-अपने देशों में मशहूर हैं लेकिन वैश्विक स्तर पर इन्हें आज भी कम लोग ही जानते हैं. इसलिए नतीजे सामने आते ही उन साइट्स के बारे में चर्चा तेज हो गई. आइए तस्वीरों के जरिए जानते हैं कि विश्व धरोहर बनने की जरूरी शर्तें कौन सी हैं? वहीं इतिहास के पन्नों में दर्ज किन विरासतों को मान मिला है. 

यूनेस्को विश्व धरोहर बनने के लिए जरूरी शर्तें

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यूनेस्को विश्व धरोहर बनने के लिए जरूरी शर्तें

यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर कमेटी का आयोजन चीन (CHINA) की अध्यक्षता में हुआ. 24 जुलाई को शुरू हुआ ऑनलाइन समारोह 31 जुलाई तक चलेगा. आयोजन की शुरुआत इस डांस प्रस्तुति के साथ हुई. इस सूची में शामिल होने वाली प्रमुख शर्तों की बात करें को ये किसी इंसान की रचनात्मक प्रतिभा का मास्टरपीस हो सकती है. इसमें मानवीय इतिहास के किसी खास कालखंड को दर्शाने वाली इमारतों, वास्तुकला, तकनीकी हुनर या प्राकृतिक दृश्यों के अद्भुत उदाहरणों को भी जगह मिल सकती है.

 

फोटो साभार: (@UNESCO)

ट्वीट कर दी गई जानकारी

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ट्वीट कर दी गई जानकारी

यूनेस्को ने ट्वीट करते हुए इस बार के आयोजन में शामिल हुई एंट्रीज के बारे में हुई चर्चा की जानकारी दी.

 

फोटो साभार: (@UNESCO)

'ग्रेट स्पा ऑफ यूरोप'

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'ग्रेट स्पा ऑफ यूरोप'

इस लिस्ट में ट्रांस-नेशनल साइट, द ग्रेट स्पा टाउन ऑफ यूरोप भी शामिल है जिसमें 7 यूरोपीय देशों के 11 शहर शामिल हैं. ये देश हैं ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चेक गणराज्य, फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन (UK) हैं. इस लोकेशन पर यूरोप के इन देशों की सभ्यता की झलक दिखती है.

 

फोटो साभार: (@UNESCO)

इटली का धार्मिक केंद्र

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इटली का धार्मिक केंद्र

Padua’s fourteenth-century fresco cycles: यह साइट इटली के प्रमुख धार्मिक केंद्रों में से एक है. City of Padua स्थित ये ऐतिहासिक दीवार 14वीं शताब्दी में बनी. इमारत आठ धार्मिक भवन परिसरों का समूह है, जिसमें विभिन्न कलाकारों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया था. 

 

फोटो साभार: (@UNESCO)

सैकड़ों साल प्राचीन भारतीय मंदिर

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सैकड़ों साल प्राचीन भारतीय मंदिर

भारत के तेलंगाना स्थित इस शिव मंदिर (Shiv Temple) यानी रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य के शासनकाल के दौरान कराया गया था. यह मंदिर रेचारला रुद्र ने बनवाया था जो काकतीय राजा गणपति देव के एक सेनापति थे.

 

फोटो साभार: (@UNESCO)

 

फ्रांस के लाइट हाउस को जगह

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फ्रांस के लाइट हाउस को जगह

इस बार के आयोजन में लंबी चर्चा और विमर्श के बाद फ्रांस (France) के कॉर्डन लाइट हाउस (Cordouan Lighthouse) को भी विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है.

स्पेन स्थित पेसिओ डेल प्राडो

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स्पेन स्थित पेसिओ डेल प्राडो

पेसिओ डेल प्राडो, स्पेन की राजधानी मैड्रिड के मुख्य मार्गों में से एक है. यह प्लाजा डे सिबेल्स और प्लाजा डेल एम्परडोर कार्लोस वी के बीच का रास्ता है. इसे भी यूनेस्कों ने इस बार जगह दी है.

इरान को भी जगह

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इरान को भी जगह

यूनेस्को ने इस बार ईरान (Iran) के इस खूबसूरत रेल परियोजना (Trans-Iranian Railway) को वैश्विक धरोहर की मान्यता दी है. दरअसल ट्रांस-ईरानी रेलवे इस इस्लामिक देश की प्रमुख रेलवे निर्माण परियोजना थी जिसे 1927 में शुरू किया गया और 1938 में फारसी सम्राट रेजा शाह के निर्देशन में बड़ी खूबसूरती के साथ पूरा किया गया था.

चीन का ये सेंटर भी अब विश्व धरोहर

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चीन का ये सेंटर भी अब विश्व धरोहर

चीन का प्राचीन बंदरगाह क्वानझोउ विश्व धरोहर का दर्जा पाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा था और आखिरकार उसके इंतजार की घड़ियां तब खत्म हुईं जब चीन दक्षिण-पूर्व स्थित फ़ूजो प्रांत में आयोजित कमेटी की बैठक में क्वानझोउ स्थित इस एम्पोरियम को विश्व धरोहर समिति ने अपनी मान्यता दे दी.

जर्मनी की कॉलोनी

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जर्मनी की कॉलोनी

मूल रूप से एक आर्टिस्ट कॉलोनी के नाम से मशहूर मैथिल्डेनहोहे को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया है. पश्चिम-मध्य जर्मनी स्थित डार्मस्टैड आर्टिस्ट्स कॉलोनी साल 1897 में वास्तुकला और शिल्प के क्षेत्र में उभरते सुधार आंदोलनों के केंद्र के रूप में स्थापित हुई. ये कॉलोनी यूरोप खासकर जर्मनी की प्रारंभिक आधुनिक वास्तुकला, शहरी नियोजन और बेहतरीन डिजाइन का बेहतरीन प्रमाण है.

सऊदी अरब का हिमा सांस्कृतिक केंद्र

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सऊदी अरब का हिमा सांस्कृतिक केंद्र

सऊदी अरब (Saudi Arab) के 'रॉक आर्ट हिमा' (Rock Art Hima) को भी सूची में जगह मिली. नजरान प्रांत स्थित साइट दुनिया के सबसे बड़े रॉक कला स्थलों में एक है. आइकॉनिक रॉक साइट में 34 से अधिक लोकेशन हैं. जहां शिलालेख, कुओं और प्राचीन अरब के रास्तों का जिक्र है. यहां 7000 साल की सामाजिक गतिविधियों का चित्रण है जिसमें शिकार, जीवों, वनस्पतियों और तब की जीवन शैली से जुड़ी तस्वीरों का एक बड़ा संग्रह मौजूद है. 

 

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