नई दिल्ली: तेलंगाना के 13वीं सदी के रामप्पा मंदिर (Ramappa Temple) को यूनेस्को की ओर से वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिलने के बाद अब भारत की एक और धरोहर को सम्मान मिला है. यूनेस्को (UNESCO) ने गुजरात में स्थित धोलावीरा (Dholavira) को भी वर्ल्ड हेरिटेज साइट (World Heritage Site) घोषित कर दिया है. आइए जानते हैं धोलावीरा के बारे में सबकुछ...
धोलावीरा गुजरात के कच्छ जिले की भचाऊ तालुका के खदिरबेट में स्थित है. यह एक ऐतिहासिक स्थान है, जो लगभग पांच हजार साल पहले विश्व का प्राचीन और व्यस्त महानगर था.
धोलावीरा में हड़प्पा सभ्यता के अवशेष पाए जाते हैं, जो दुनियाभर में अपनी अनूठी विरासत के तौर पर मशहूर हैं. यह स्थल कच्छ के रण में स्थित नमक के विशाल मैदानों से घिरा है और इसमें प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के खंडहर भी शामिल हैं.
इस लिस्ट में शामिल होने की रेस में धोलावीरा के साथ ईरान से हवारामन, जापान से जोमोन (Jomon), जॉर्डन से एस-साल्ट (As-Salt) और फ्रांस से नाइस (Nice) शामिल थे.
संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने ट्वीट किया, ‘धोलावीरा : भारत में, हड़प्पाकालीन शहर को विश्व धरोहर सूची में अभी-अभी शामिल किया गया. बधाई हो!’
गुजरात में अब तक तीन विश्व धरोहर स्थल थे, जिनमें पावागढ़ के निकट चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और एतिहासिक शहर अहमदाबाद शामिल हैं. इस लिस्ट में धोलावीरा चौथा स्थल बन गया है.
इस मौके पर संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक ट्वीट में कहा, 'मुझे भारतवासियों से यह साझा करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि अब धोलावीरा के रूप में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची भारत का 40वां स्थल शामिल हो गया है.' उन्होंने कहा कि आज भारत के लिए, विशेष रूप से गुजरात के लिए गर्व का दिन है. उन्होंने कहा, ‘2014 से विश्व धरोहर सूची में भारत के 10 नए स्थान शामिल किए गए हैं जो हमारे ऐसे स्थलों का एक चौथाई हिस्सा है....’
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