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क्‍या कोरोना की तरह एक व्‍यक्ति से दूसरे में फैलता है बर्ड फ्लू? AIIMS निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने दिया जवाब

नई दिल्ली: एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) से देश में पहली मौत की पुष्टि के बाद से ही हड़कंप मच गया है. लोगों को एक और महामारी की चिंता सताने लगी है. इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के प्रमुख रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने इसे लेकर बात की है और लोगों की संकाओं को दूर करने की कोशिश की है. आइए जानें डॉक्टर गुलेरिया ने बर्ड फ्लू को लेकर क्या कहा... 

घबराने की जरूरत नहीं

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घबराने की जरूरत नहीं

डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि H5N1 वायरस (बर्ड फ्लू) का मानव से मानव में संक्रमण बहुत दुर्लभ है. इसे लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है. एम्स निदेशक ने कहा कि हालांकि संपर्क में आने से बचना चाहिए और वायरस के कारण जहां पर बच्चे की मौत हुई, उस क्षेत्र से नमूने लिए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मुर्गे-मुर्गियों की मौत पर नजर रखनी चाहिए.

पोल्ट्री के पास काम करने वाले रखें सावधानी

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पोल्ट्री के पास काम करने वाले रखें सावधानी

बता दें कि हरियाणा के 12 वर्षीय लड़के की H5N1 वायरस के संक्रमण से हाल में एम्स दिल्ली में मौत हो गई. गुलेरिया ने कहा, ‘पक्षियों से मानवों में वायरस का संक्रमण बहुत दुर्लभ है और H5N1 का मानव से मानव में संक्रमण का मामला अब तक साबित नहीं हुआ है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.’ डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ‘लेकिन पोल्ट्री के पास काम करने वाले लोगों को निश्चित तौर पर एहतियात बरतना चाहिए और साफ-सफाई रखना चाहिए.’

मानव से मानव में नहीं फैलता एवियन इन्फ्लूएंजा!

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मानव से मानव में नहीं फैलता एवियन इन्फ्लूएंजा!

एम्स में मेडिसीन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने कहा कि एवियन इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से पक्षियों की बीमारी है और मानव से मानव के बीच संक्रमण का अब तक प्रमाण नहीं मिला है. उन्होंने कहा, ‘हालांकि संक्रमण से प्रभावित कुछ छिटपुट क्षेत्रों का पता चला है. इन क्षेत्रों में दुर्लभ स्थिति में संक्रमण का प्रसार हो सकता है. हालांकि मानव से मानव के बीच संक्रमण का कोई प्रमाण नहीं मिला है.’

बीमार मुर्गे-मुर्गियों के संपर्क से बचें

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बीमार मुर्गे-मुर्गियों के संपर्क से बचें

डॉ निश्चल ने कहा, ‘सीरो सर्वे में बिना लक्षण वाले मामलों में कोई प्रमाण नहीं मिला है और उपचार के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण फैलने के कोई सबूत नहीं हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अगर कोई ठीक से पका हुआ पोल्ट्री प्रोडक्ट खा रहा है तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह ठीक से पके हुए भोजन से लोगों में फैल सकता है. भोजन को अच्छे से पकाने पर वायरस नष्ट हो जाता है. संक्रमित, खासकर बीमार मुर्गे-मुर्गियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए.’

बर्ड फ्लू से बच्चे की मौत से मचा हड़कंप

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बर्ड फ्लू से बच्चे की मौत से मचा हड़कंप

एम्स के एक सूत्र ने कहा था कि 12 वर्षीय लड़के को दो जुलाई को निमोनिया और ल्यूकेमिया की दिक्कतों के साथ एम्स में भर्ती कराया गया था. उसकी 12 जुलाई को मृत्यु हो गई. इलाज के दौरान कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा की जांच की गई. सूत्र ने कहा था, ‘लड़के की कोविड-19 जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई. इन्फ्लूएंजा संक्रमण की पुष्टि हुई. नमूने को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजा गया जहां H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई.’

दिल्ली AIIMS के स्टाफ को ये निर्देश

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दिल्ली AIIMS के स्टाफ को ये निर्देश

इस बीच, संक्रमित बच्चे के संपर्क में आए एम्स के सभी कर्मचारियों को फ्लू के किसी भी लक्षण पर नजर रखने और तुरंत अधिकारियों को सूचित करने को कहा गया. जनवरी में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ जैसे कुछ राज्यों ने बीमारी के फैलने के बाद मुर्गे-मुर्गियों को मार डाला था.

बर्ड फ्लू को लेकर क्या कहता है WHO

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बर्ड फ्लू को लेकर क्या कहता है WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, लोगों में H5N1 संक्रमण के लगभग सभी मामले संक्रमित जीवित या मृत पक्षियों या H5N1 प्रभावित वातावरण के निकट संपर्क से जुड़े हैं. वर्तमान में उपलब्ध महामारी विज्ञान की जानकारी से पता चलता है कि वायरस मनुष्यों को आसानी से संक्रमित नहीं करता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलना दुर्लभ प्रतीत होता है. जब लोग संक्रमित होते हैं तो मृत्यु दर लगभग 60 प्रतिशत होती है.

 

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