नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) महाराष्ट्र के नासिक के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं और वे एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता किसान हैं. नवजीवन को बचपन से ही काफी संघर्ष करना पड़ा. वे बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे और 12वीं के बाद सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. (फोटो सोर्स- नवजीवन पवार इंस्टाग्राम)
इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी होने के बाद नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करने का फैसला किया. इसमें उनके पिता ने सपोर्ट किया और उन्हें तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया. (फोटो सोर्स- नवजीवन पवार इंस्टाग्राम)
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) ने एक इंटरव्यू में बताया था कि दिल्ली में उनके टीचर एक बार ज्योतिष के पास लेकर गए. ज्योतिष ने उनसे कहा था कि 27 साल की उम्र से पहले तुम आईएएस (IAS) नहीं बना पाओगे. यह बात नवजीवन के काफी चुभ गई और उन्होंने ठान लिया कि वो इस परीक्षा को जरूर पास करेंगे. (फोटो सोर्स- नवजीवन पवार इंस्टाग्राम)
यूपीएससी एग्जाम से करीब एक महीने पहले नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) को डेंगू हो गया और उनकी तबीयत इतनी खराब हो गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद पढ़ाई जारी रखी. उनका हौसला देख डॉक्टर भी हैरान रह गए. नवजीवन बताते हैं कि अस्पताल में एक हाथ पर डॉक्टर इंजेक्शन लगा रहे थे और मेरे दूसरे हाथ पर किताब थी. (फोटो सोर्स- नवजीवन पवार इंस्टाग्राम)
बीमारी से लड़कर ठीक होने के बाद नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) ने पहले अटेम्प्ट में ही प्रीलिम्स क्लियर कर लिया. नवजीवन बताते हैं, 'रिजल्ट आने के बाद इंटरव्यू की तैयारी करने लगा. उस समय मेरे मन में ख्याल आया कि जब कोई मेरा भविष्य बता सकता है तो मैं अपना फ्यूचर क्यों नहीं बदल सकता.' आखिरकार नवजीवन को सफलता मिली और ऑल इंडिया रैंक 316 हासिल कर आईएएस अधिकारी बने. (फोटो सोर्स- नवजीवन पवार इंस्टाग्राम)
नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) के पिता किसान हैं और वे पढ़ाई के दौरान अपने पिता की मदद के लिए खेतों में काम भी करते थे. इसके अलावा नवजीवन खेतों में हल भी चलाया करते थे. (फोटो सोर्स- नवजीवन पवार इंस्टाग्राम)
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