'काली' भारत का एक महाशक्तिशाली खतरनाक हथियार (Kali Weapon) है. जो कि दुश्मन के किसी भी हमले को नाकाम कर सकता है. इसके सामने विशालकाय टैंक, अत्याधुनिक लड़ाकू विमान उन्नत मिसाइलें भी फेल हैं. यह मिसाइलों, लड़ाकू विमानों के अलावा सशस्त्र ड्रोनों और अंतरिक्ष में घूम रही सैटेलाइट को भी मार कर गिरा सकता है. इस शक्तिशाली हथियार से इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगों (Electro Magnatic Waves) का तूफान पैदा होता है, जिसके संपर्क में आने वाला हरेक इलेक्ट्रोनिक उपकरण ठप होकर कबाड़ बन जाता है.
भारत के पास राफेल (Rafale Jet) जैसा 4.5 जनरेशन का घातक लड़ाकू विमान है, जो एक बार ईंधन भरवाने के बाद 3500 किलोमीटर तक मार कर सकता है. इसमें दुनिया के तीन तरह की सबसे घातक मिसाइलें फिट की गई हैं. इस विमान में स्मार्ट रडार लगा होता है, जो अपने आसपास मंडरा रहे खतरे या टारगेट को सेट करके उसे लॉक कर देता है. इसके बाद राफेल से छोड़ी गई मिसाइल उस टारगेट को ढूंढकर खत्म कर देती है. इसकी बियोंड द विजुअल क्षमता इसे चीन और पाकिस्तान पर भारत को बड़ी बढ़त देती है.
जंग के बदलते दौर में सशस्त्र ड्रोनों की अहमियत देखते हुए भारत ने भी अपनी स्वॉर्म ड्रोन आर्मी (Swarm Drone Army) विकसित की है. इस ड्रोन टेक्नोलॉजी में एक मदर ड्रोन होती है, जिसके अंदर से कई सारे छोटे-छोटे ड्रोन निकलते हैं, जो अलग-अलग ठिकानों पर हमला करने में सक्षम होते हैं. छोटा साइज और निचले लेवल पर उड़ने की वजह से रडार भी इन्हें आसानी से डिटेक्ट नहीं कर पाते. चूंकि वे बड़ी संख्या में एक साथ एकजुट होकर हमला करते हैं, इसलिए दुश्मन की एंटी एयरक्राफ्ट गन या मिसाइलें भी इनके ऊपर बेअसर साबित होती हैं. भारत-चीन,अमेरिका समेत यह टेक्नॉलॉजी कुछ ही देशों के पास है.
अग्नि-5 भारत की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-V ICBM) है. भारत ने इस मिसाइल का निर्माण चीन जैसे दुश्मन देशों को ध्यान में रखकर किया है. इस इस मिसाइल की रेंज 5000 से 8000 किलोमीटर बताई जाती है. यानी कि अगर इसे दिल्ली से दागा जाए तो यह चीन की राजधानी बीजिंग समेत उसके सभी बड़े शहरों को निशाना बना सकती है. इसका वजन 50 हजार किलो से भी अधिक है. यह 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है. यह अपने साथ परमाणु बम भी ले जा सकती है. इस मिसाइल की ताकत के चलते चीन भी भारत के खिलाफ ज्यादा दबंगई दिखाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता.
भारत की ब्रह्मोस (BrahMos) मिसाइल (Ballistic Missile) एक ऐसा संहारक हथियार है, जिसकी काट दुनिया के किसी भी देश के पास नहीं है. यह दुनिया में सबसे तेज स्पीड से हमला करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल है. यह जमीन से बहुत कम ऊंचाई पर उड़ती है, जिसके चलते रडार भी इसे पकड़ नहीं पाते. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि अगर इस मिसाइल में एक बार टारगेट सेट करके उसे लॉन्च कर दिया जाए तो यह अपने आप उसका पीछा करके उसे खत्म कर देती है. अगर दुश्मन का विमान या ड्रोन रास्ता बदलने की कोशिश करे तो उसका पीछा करते हुए यह मिसाइल भी अपना रास्ता बदल लेती है. इसकी रेंज फिलहाल 290 किलोमीटर है लेकिन भारत ने अब 400 किमी रेंज वाली ब्रहमोस भी बना ली हैं. चीन को ब्रह्मोस से बड़ा डर है.
यह हथियार सभी बमों का बाप है. यह बम किसी शहर को ही नहीं बल्कि किसी देश को भी पल भर में खाक करने में सक्षम है. दुनिया के 204 देशों में फिलहाल भारत समेत 8 देशों के पास ही परमाणु हथियार (Atomic Bomb) हैं. भारत ने परमाणु बमों को लेकर नो फर्स्ट यूज की पॉलिसी घोषित की है लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर रखा है कि अगर उस पर हमला हुआ तो वह अपने दुश्मन को छोड़ेगा भी नहीं. भारत ने जमीन और हवा से परमाणु बम दागे जाने की क्षमता विकसित कर ली है. जबकि अब पानी से न्यूक्लियर बम दागे जाने की क्षमता पर काम चल रहा है. यह काम पूरा होते ही भारत का न्यूक्लियर ट्रायड पूरा हो जाएगा और वह कहीं से भी अपने दुश्मन पर पलटवार कर सकेगा.
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