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लंबे इंतजार के बाद भारतीय सेना को मिली AK-203 राइफल, इंसास और एके-47 से भी ज्यादा खतरनाक, जाने क्या है खास 

AK-203 Rifle : लंबे इंतजार के बाद भारतीय सेना को रूसी एके-203 असॉल्ट राइफलें मिलनी शुरू हो गई हैं. उत्तर प्रदेश के कोरवा स्थित फैक्टरी में असेंबल्ड 27 हजार रूसी एके-203 असॉल्ट राइफलों का पहला बैच भारतीय सेना को डिलीवर किया जा चुका है. एके-203 राइफलें इंसास और एके-47 से भी ज्यादा खतरनाक हैं. भारतीय सेना में यह इंसास (INSAS यानी इंडियन नैशनल स्मॉल आर्म्स सिस्टम) राइफलों की जगह लेंगी. सेना ने कुछ महीनों पहले ही अलग-अलग रेजिमेंटल के ट्रेनिंग सेंटरों पर जवानों को इन्हें चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी. साथ ही बता दें, कि एके-203 असॉल्ट राइफल की लागत 5,000 करोड़ रुपए है.

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भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से बनी असॉल्ट राइफल कलाशनिकोव AK-203 की पहली खेप तैयार हो गई है. लंबे इंतजार के बाद भारतीय सेना को रूसी एके-203 असॉल्ट राइफलें मिलनी शुरू हो गई हैं. ​

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बता दें, कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में कुल मिलाकर 6.01 लाख असॉल्ट राइफलों का उत्पादन किया जा रहा है. भारतीय सेना की ताकत अब और भी ज्यादा शक्तिशाली होने वाली है. उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित कोर्वा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से बनी असॉल्ट राइफल कलाशनिकोव AK-203 की पहली खेप बनकर तैयार है.

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बता दें, कि सेना ने कुछ महीनों पहले ही अलग-अलग रेजिमेंटल के ट्रेनिंग सेंटरों पर जवानों को इन्हें चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी. एके-203 राइफल इंसास से छोटी और हल्की है. इंसास बिना मैगजीन और बेयोनेट के भी 4.15 किलो की है. किसी भी ऑपरेशन में सेना के जवानों को इस राइफल को संभालना और इस्तेमाल आसान होगा. ​

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यह रात के ऑपरेशन में भी बहुत प्रभावी होगी. वजन और लंबाई कम होने पर राइफल को लंबे समय तक उठाया जा सकता है. राइफल को सिर्फ आठ से नौ पार्ट्स को मिलाकर बनाया जाएगा.

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भारतीय सेना के लिए कुल मिलाकर 6.01 लाख असॉल्ट राइफलों का उत्पादन किया जा रहा है. सेना के लिए तैयार किए जा रहे इस घातक हथियार की ट्रेनिंग अब आर्मी के जवानों को दी जा रही है. सेंटर कमांड के ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर के ट्रेंड जवानों ने AK-203 असॉल्ट राइफल्स की खास ट्रेनिंग ली है. भारतीय सेना का यह पहला 15 सदस्य इन्फेंट्री रेजिमेंटल सेंटर बैच है जिसे इस राइफल की ट्रेनिंग दी गई है.

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AK-203 कलाशनिकोव सीरीज की सबसे एडवांस असॉल्ट राइफल है. जो कंपनी इसे बना रही है उसका नाम इंडो-रसिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) है. इस राइफल के आने से भारत में इंसास (INSAS) का इस्तेमाल बंद हो जाएगा, या फिर बेहद कम हो जाएगा. एके-203 इंसास से कई मामलों में बेहतर, आसान और घातक है.

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इसके साथ ही भारतीय आर्मी AK-47 की जगह कहीं न कहीं अब AK-203 राइफल का इस्तेमाल करना पसंद करेगी. क्योंकि AK-203 ज्यादा घातक है, सटीक और एडवांस हथियार है.

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इसके अलावा ज्यादातर आतंकी गतिविधियों में AK-47 का इस्तेमाल हो रहा है ऐसे फॉरेज उससे कहीं ज्यादा घातक और मजबूत हथियार को शामिल करना चाहती है. AK-203 को AK सीरीजकी सबसे आधुनिक और विश्वसनीय राइफल माना जाता है. AK-203 का इस्तेमाल ऑटोमैटिक और सेमी ऑटोमैटिक तरीकों से किया जा सकता है.

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