India's most powerful war weapons: चीन और पाकिस्तान की सीमा (China Pakistan Border) पर भारत (India) आज युद्ध और आतंकी घुसपैठ जैसी दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है. इसके बावजूद देश कई क्षेत्रों में विकसित देशों को टक्कर दे रहा हैं. भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों के शौर्य का लोहा तो पूरी दुनिया मानती है, वहीं बीते कुछ समय में हिंदुस्तानी फौज के बेड़े में शक्तिशाली और विध्वंसक हथियारों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. इनमें से कुछ हथियार तो ऐसे हैं जिनसे दुश्मन देश थर-थर कांपते हैं. ये भारतीय सेना के वो ताकतवर हथियार हैं जो लद्दाख या जम्मू-कश्मीर में किसी भी तरह के संघर्ष के दौरान गेम चेंजर साबित हो सकते हैं.
लद्धाख (Ladakh) में भारतीय सेना ने ऑपरेशन पर्वत प्रहार (Operation Parvat Prahar) चलाया. इस दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Army Chief Gen Manoj Pande) की मौजूदगी में भारत के इन हथियारों (India's war weapons) का प्रदर्शन किया गया. आइए जानते हैं कि आखिर ये हथियार कौन से हैं और इनकी क्या खासियत है.
भारतीय सेना के इस युद्भाभ्यास के दौरान भारत के विनाशकारी और विध्वंसकारी हथियारों की गूंज सीमा पार बीजिंग तक सुनी गई होगी.
बोफोर्स तोप भारतीय सेना का एक ऐसा हथियार है जो हर मोर्चे पर अपनी फायरपावर बनाए रखता है. चाहे वो रेगिस्तान हो या फिर लद्दाख का मोर्चा हर जगह तोपखाने का रूतबा और शान बरकरार रहती है. बोफोर्स एक सेल्फ प्रोपेल्ड हॉविट्ज़र है जो 155mm के गोले दाग सकती है. ये ऑटोमेटिक गन है यानी खुद गोले लोड करती है और दागती है. बोफोर्स गन की रेंज 24 Km है और ये 14 सेकेंड में 3 गोले फायर करती है. बोफोर्स की रेंज को 42 Km तक बढ़ाया जा सकता है.
K9 वज्र - भारतीय सेना के पास मौजूद K9 वज्र भी किसी से कम नहीं. यह भारतीय तोपखाने में शामिल नया हथियार है. वज्र में तोप और टैंक दोनों की खूबियां हैं. 50 किलोमीटर की रेंज वाला वज्र टैंक की तरह किसी भी इलाके में आगे बढ़कर हमला भी कर सकता है. इसमें फिट होने वाला 155 mm का गोला किसी भी इलाके में दुश्मनों की सेना में तबाही मचा सकता है. ये 15 सेकेंड में दुश्मन पर 3 गोले दाग सकता है. एक वज्र करीब तीन तोपों के बराबर अटैक करने में सक्षम है. जंग के मैदान में दुश्मन के टैंक जब भी भारतीय सेना की तरफ आगे बढ़ते हैं तो उनपर हमला करने के लिए ये बहुत कारगर हथियार माना जाता है, चूंकि ये हल्के हैं इसलिए पहाड़ों पर चाहे लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) हो या लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) हर जगह इसे ले जाना बेहद आसान है.
भारतीय सेना (Indian Army) के बेड़े में मौजूद तीसरा एडवांस एक्टिव और घातक हथियार है बीएम 21 ग्रेड मल्टी बैरेल लॉन्चर (BM 21 Multi Barrel Rocket Launcher). ये एक रूसी सिस्टम है. एक बीएम 21 ग्रैड रॉकेट सिस्टम में 40 ट्यूब होते हैं, जो एक मिनट में 40 रॉकेट दागते हैं. इस रॉकेट लांचर की रेंज करीब 20 किलोमीटर है. दुश्मन की चौकी या फिर बंकर को ध्वस्त करने में इस रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया जाता है.
LAC में भारत का टी-90 भीष्म टैंक भी तैनात है. ये भारतीय सेना के साथ सर्दियों में चीन के सैनिकों से निपटने के लिए तैयार है. अगर दुश्मन ने सीमा पर कोई दुस्साहस किया तो भारतीय सेना के यही टैंक माइनस 40 डिग्री के तापमान में चीन का घमंड चूर-चूर कर देंगे. भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में 14 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर भी टी-90 टैंकों की तैनाती की है. 48 टन वजनी T-90 भीष्म टैंक का निशाना अचूक है. 125mm की मेन गन से लैस ये टैंक दुश्मन के हेलीकॉप्टर पर भी टारगेट कर सकते है. भीष्म टैंकों के पीछे-पीछे अर्जुन टैंक और T-72 टैंकों का पूरी जमात खड़ी है चीनी सेनाओं को सबक सिखाने के लिए ये वो टैंक हैं जो हर तरह के इलाके में बेहद कारगर हैं.
लद्दाख की बर्फीली वादियों में अगर LAC पार से कोई गुस्ताखी हुई तो दुश्मन को टैंकों के साथ बख्तरबंद गाड़ियों का भी सामना करना पड़ेगा. भारत ने बीएमपी-2 इन्फैंट्री कॉम्बैट वेहिकल्स भी एलएसी के पास तैनात किए हैं. जिसमें बैठकर भारतीय सैनिक दुश्मन का आसानी से मुकाबला कर पाएंगे. कुल मिलाकर सर्दियों के मौसम में चीन से निपटने के लिए LAC पर भारतीय सेना फौलादी इरादों के साथ डटी है. अगर दुश्मन ने कोई भी चालबाजी की तो भारतीय सेना के पराक्रमी टैंक उसके गुरूर को चकनाचूर कर देंगे.
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