पौराणिक कथाओं में लिखा है कि वाराणसी (Varanasi) शहर की स्थापना भगवान शिव ने लगभग 5000 साल पहले की थी. यही कारण है कि वाराणसी को आज एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है.
वाराणसी या पुराने नाम काशी के नाम से जाना जाने वाला ये शहर दुनिया के सबसे पुराने जीवित शहरों में से एक है. वाराणसी को हिंदू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है. वाराणसी दुनिया के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है.
पौराणिक कथाओं में लिखा है कि वाराणसी शहर की स्थापना भगवान शिव ने लगभग 5000 साल पहले की थी. यही कारण है कि वाराणसी को आज एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है.
वाराणसी के घाट पर मां गंगा की सुबह और शाम दो बार विधि-विधान से पूजा-अर्चना व आरती की जाती है. हिंदू धर्म में गंगा नदी को मां गंगा दर्जा दिया गया है.
वाराणसी नाम यहां की दो नदियों के नाम से मिलकर बना है. वरुणा नदी और असि नदी. ये नदियां गंगा नदी में क्रमशः उत्तर और दक्षिण से आकर मिलती हैं.
वाराणसी हिंदुओं की पवित्र सप्तपुरियों में से एक है. स्कंद पुराण, रामायण, महाभारत और प्राचीनतम वेद ऋग्वेद सहित कई हिंदू धर्म ग्रंथों में वाराणसी का उल्लेख आता है.
वाराणसी में गंगा नदी सर्दियों में देश-विदेश से आए पक्षियों का बसेरा भी बनी रहती है. वाराणसी आए पर्यटक भी नाव या बोट में बैठकर गंगा नदी में सैर जरूर करते हैं और आनंद लेते हैं.
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