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नई दिल्ली: नए आईटी नियमों (IT Rules) का पालन नहीं करने पर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में अर्जी दाखिल हुई है. वकील अमित आचार्य ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि नियमों के तहत महत्वपूर्ण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म होने के नाते ट्विटर को अपने कानूनी और कार्यकारी कर्तव्यों का पालन करना चाहिए.
इससे पहले ट्विटर (Twitter) ने नए आईटी नियमों (IT Rules) को लेकर गुरुवार (27 मई) अपना बयान जारी किया था और कहा था कि भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे. इसके साथ ही ट्विटर ने भारत में अपने कर्मचारियों और यूजर्स की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे को लेकर चिंता जाहिर की थी.
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने अपने बयान में कहा था, 'ट्विटर भारत के लोगों के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सेवा सार्वजनिक बातचीत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है और महामारी के दौरान लोगों का सपोर्ट किया है. हम अपनी सेवा जारी रखने के लिए भारत में लागू कानून का पालन करने की कोशिश करेंगे.' ट्विटर ने आगे कहा था, 'हम भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे और मानते हैं कि सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है. जनता के हितों की रक्षा करना निर्वाचित अधिकारियों, उद्योग और नागरिक समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है.'
सरकार और व्हाट्सऐप के बीच विवाद नए आईटी नियमों (IT Rules) की वजह से चल रहा है. दरअसल, 21 फरवरी 2021 को भारत सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन लेकर आई और इन्हें लागू करने के लिए 25 मई तक का समय दिया. नए नियमों के अनुसार, व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए भेजे और शेयर किए जाने वाले मैसेजेस के ओरिजनल सोर्स को ट्रैक करना जरूरी है. यानी अगर कोई गलत या फेक पोस्ट वायरल हो रही है तो सरकार कंपनी से उसके ऑरिजनेटर के बारे में पूछ सकती है और सोशल मीडिया कंपनियों को बताना होगा कि उस पोस्ट को सबसे पहले किसने शेयर किया था.
नए नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को किसी पोस्ट के लिए शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. इसके लिए कंपनियों को तीन अधिकारियों (चीफ कॉम्प्लियांस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर) को नियुक्त करना होगा. ये अधिकारी भारत के ही रहने वाले होने चाहिए और इनका कॉन्टेक्ट नंबर सोशल मीडिया वेबसाइट के अलावा ऐप पर होना अनिवार्य है, ताकि लोग शिकायत कर सकें. इसके साथ ही अधिकारियों के लिए शिकायत का अपडेट देने के लिए 15 दिनों समयसीमा भी तय की गई है. कंपनियों को पूरे सिस्टम पर नजर रखने के लिए स्टाफ रखने को कहा गया है.
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