उन्होंने कहा कि पारंपरिक रूप से एनएसएसओ सर्वेक्षण के बाद हर पांच साल पर रिपोर्ट पेश करता था.
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मुंबई: देश में बेरोजगारी दर को लेकर एनएसएसओ की रिपोर्ट को लेकर केंद्र पर विपक्ष के हमलों के बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि सटीक निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए आंकड़ों को एकत्र करने हेतु आधुनिक तरीकों को अपनाने की जरूरत है. वित्त मंत्री ने कहा कि सुबह नौ बजे से शाम के पांच बजे तक की तय नौकरी का आकर्षण दुनियाभर में खत्म हो रहा है और आज के युवा नई कार्यप्रणाली तलाश रही है. राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 2017 में पिछले 45 वर्ष में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक रही.
गोयल ने कहा, "एक समय था जब सरकारी विभाग, टाटा समूह जैसी किसी कंपनी या एनटीपीसी जैसे किसी पीएसयू में नौकरी को देश में कामकाजी वर्ग कहा जाता था. पूरे विश्व में आज चीजें बदल गयी हैं." उन्होंने कहा कि भारत में आज बहुत से महत्वाकांक्षी युवा हैं, जो नई तरह की प्रौद्योगिकी और कार्यप्रणाली में काम करना चाहते हैं. मंत्री ने कहा कि 'बदलते हुए विश्व में' कृत्रिम मेधा, थ्री-डी विनिर्माण और अन्य से जुड़ी नौकरियां 'मानव जाति का भविष्य तय कर रही हैं.'
उन्होंने कहा कि इन नए तरह के अवसरों से युवा 'रोजगार मांगने वालों की बजाय रोजगार का सृजन' करने वाले बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि पारंपरिक रूप से एनएसएसओ सर्वेक्षण के बाद हर पांच साल पर रिपोर्ट पेश करता था. गोयल ने कहा, "लेकिन अब हमें यह महसूस करना होगा कि आंकड़ों को एकत्र करने के वे तरीके पुराने हो गए और अब हमें आंकड़ों को इकट्ठा करने और आंकड़ों के विश्लेषण के लिए नये समय की प्रौद्योगिकी को अपनाना होगा."
(इनपुट भाषा से)