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हजारीबाग : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों से दलहन उत्पादन बढ़ाने का रविवार को आह्वान किया ताकि देश इस मामले में आत्मनिर्भर बन सके और दालों के आयात की जरूरत कम की जा सके। उन्होंने इसके लिए किसानों से अपनी खेत का पांचवा हिस्सा दलहनों की खेती में लगाने को कहा।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नारे ‘जय जवान, जय किसान’ को दोहराते हुए मोदी ने किसानों से कहा, ‘‘देश में दलहनों की पैदावार बहुत कम है और मैं किसानों से अपील करता हूं कि यदि उनके पास पांच एकड़ जमीन है तो वे कम से कम एक एकड़ में दलहनों की खेती करें।’’ उन्होंने कहा कि दलहनों का उत्पादन बढ़ने से इसकी आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी।
प्रधानमंत्री झारखंड के हजारीबाग में बरही में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे। भारत सालाना 30-40 लाख टन दालों का आयात करता है। 2014-15 में दालों का उत्पादन घटकर 1 करोड़ 73 लाख 80 हजार टन पर आने का अनुमान है जो पिछले साल 1 करोड़ 92 लाख 50 हजार टन था।
वर्ष 2014-15 में दालों का आयात 41.45 प्रतिशत बढ़कर 2.58 अरब डालर पहुंच गया था जबकि इससे पिछले साल यह 1.82 अरब डॉलर पर था।
प्रधानमंत्री ने दलहन की खेती के प्रोत्साहन के लिए केंद्र द्वारा उठाए जा रहे कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए पशुपालन और मछली पालन का भी बराबर का महत्व है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने झारखंड में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि दिल्ली के पूसा स्थिति आईएआरआई की तर्ज पर झारखंड में एक दूसरे संस्थान की स्थापना समय की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का वैज्ञानिक ढंग से मुकाबला करने में मदद मिलेगी।