PM मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक खत्म, योजना आयोग में बदलाव के पक्ष में नहीं कुछ मुख्यमंत्री
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PM मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक खत्म, योजना आयोग में बदलाव के पक्ष में नहीं कुछ मुख्यमंत्री

साल 1950 में स्थापित योजना आयोग का नाम बदलने और उसमें आमूलचूल परिवर्तन करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक खत्म हो गई है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक योजना आयोग में बदलाव किए जाने के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने आपत्ति जताई है।

PM मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक खत्म, योजना आयोग में बदलाव के पक्ष में नहीं कुछ मुख्यमंत्री

नई दिल्ली : साल 1950 में स्थापित योजना आयोग का नाम बदलने और उसमें आमूलचूल परिवर्तन करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक खत्म हो गई है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक योजना आयोग में बदलाव किए जाने के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने आपत्ति जताई है। जबकि पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि योजना आयोग की जगह एक उपयुक्त निकाय होना चाहिए ताकि देश की ताकत का मजबूती के साथ उपयोग किया जा सके। राज्यों की तरक्की के बगैर देश की तरक्की असंभव है, योजना की प्रक्रिया ‘ऊपर से नीचे’ की बजाय ‘नीचे से ऊपर’ करने की जरूरत है।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि एकतरफा फैसला करना पीएम मोदी की कार्यशैली बन गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्यों पर केंद्र की नीति ना थोपी जाए।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पीएम की इस बैठक में शामिल नहीं हुए। दोनों मुख्यमंत्रियों के नुमाइंदे बैठक में शामिल हुए हैं। खबर है कि ममता ने अमित मित्रा को अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा है।

पीएम आवास पर पीएम नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ यह बैठक आज सुबह 10 बजे के करीब शुरू हुई जिसमें नई सरकार के तहत बदलते आर्थिक हालात के बीच मौजूदा योजना आयोग की जगह नई संस्था के स्वरूप, उसका दायरा और भूमिका पर चर्चा हुई। योजना आयोग की जगह 8 सदस्यों की एक टीम होगी जो संभवत: नीति आयोग के नाम से जाना जाएगा। बैठक को दो सत्रों में आयोजित किया गया है। पहला सत्र दोपहर डेढ़ बजे तक चलेगा और दूसरा सत्र शाम चार से पांच बजे के बीच खत्म होगा। उसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली प्रेस कांफ्रेंस करेंगे जिसमें वह बताएंगे कि योजना आयोग के बदलाव के संदर्भ में किस मुख्यमंत्री ने क्या पक्ष रखे हैं।

वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक, 'हम राज्यों को सशक्त बनाने में विश्वास रखते हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि रविवार को होने वाली बैठक के बाद जो भी फैसला किया जाएगा उससे राज्य की स्थिति बेहतर होगी।’ एजेंडे के मुताबिक योजना सचिव सिंधुश्री खुल्लर उस नए संस्थान के काम-काज और रूपरेखा के बारे में प्रस्तुति देंगे जो आखिरकार मौजूदा योजना आयोग की जगह लेगा।

माना जा रहा है कि नए संस्थान के कामकाज में निगरानी एवं आंकलन, कार्यक्रम परियोजना और योजना आंकलन, विभिन्न क्षेत्रों और अंतर-मंत्रालयीय विशेषज्ञता, मूल्यांकन और परियोजनाओं की निगरानी शामिल होगी। मालूम हो कि मई 2014 से योजना आयोग का पुनर्गठन नहीं किया गया है जबकि इसके सदस्यों ने आम चुनाव के बाद बनी नई सरकार का गठन होने पर इस्तीफा दे दिया था।

सूत्र बताते हैं कि योजना आयोग की जगह जो भी नया संस्थान बनेगा वह प्रधानमंत्री को सलाह देगा। इसके अलावा यह विचार संस्था के तौर भी काम करेगा जिसका नेटवर्क विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों के साथ होगा। नया संस्थान राज्यों और केंद्र को विभिन्न मामलों में आंतरिक परामर्श सेवा प्रदान कर सकता है। इसका उपयोग मध्यम और दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने के लिए भी किया जा सकता है।

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