पीएम मोदी ने वैक्सीन निर्माताओं से की मुलाकात, रिसर्च समेत इन मुद्दों पर रहा फोकस
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पीएम मोदी ने वैक्सीन निर्माताओं से की मुलाकात, रिसर्च समेत इन मुद्दों पर रहा फोकस

शनिवार शाम को पीएम मोदी ने वैक्सीन निर्माताओं से दिल्ली में मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद जाइडस कैडिला के पंकज पटेल ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने टीके विकसित किए, उसके लिए सबसे बड़े कारक प्रधानमंत्री थे. 

फोटो- ANI

नई दिल्ली: जब पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही थी तब भी भारत की कंपनियां वैक्सीन बनाने में लगी हुईं थीं. भारत ने हाल ही में 100 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन टीकों को लगाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. ऐसे में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 7 भारतीय वैक्सीन निर्माताओं से मुलाकात की.

  1. पीएम मोदी ने की वैक्सीन निर्माताओं से मुलाकात
  2. सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाल भी हुए शामिल
  3. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी मुलाकात के दौरान रहे मौजूद 

वैक्सीन निर्माताओं से पीएम की मुलाकात

इस मीटिंग में सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) भी थे. ये मीटिंग शनिवार शाम चार बजे 7 लोक कल्याण मार्ग पर स्थित पीएम आवास पर हुई. इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीन पवार भी मौजूद रहीं. गौरतलब है कि अभी हाल ही में देश ने 100 करोड़ वैक्सीन का आंकड़ा पार किया था. चीन के बाद ये उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दूसरा देश है. भारत ने ये उपलब्धि 278 दिन में हासिल की है.

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस दौरान टीकों को लेकर शोध सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री से इस मुलाकात में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, जाइडस कैडिला, बॉयोलॉजिकल ई, जेन्नोवा बायोफार्मा और पैनेसिया बायोटेक के प्रतिनिधि मौजूद थे.

'हर मदद के लिए तैयार थी सरकार'

प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद जाइडस कैडिला के पंकज पटेल ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने टीके विकसित किए, उसके लिए सबसे बड़े कारक प्रधानमंत्री थे. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने शुरू से हमें प्रोत्साहित किया है. उन्होंने कहा कि आप करो, सरकार आपके साथ है. आपको जहां भी असुविधा होगी, सरकार आपको सहयोग करेगी. इसी वजह से हम टीके विकसित कर पाए.' पटेल ने उम्मीद जताई कि भारत में इनोवेशन (Innovation) का जो नया अध्याय आरंभ हुआ है, वह बहुत तेजी से बढ़ेगा और भारत एक इनोवेटिव राष्ट्र के रूप में उभरेगा.

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दुनिया का सबसे सस्ता टीका भारत में हुआ विकसित

सीरम इंस्टीट्यूट के साइरस पूनावाला ने कहा कि उनके मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री ने अगर स्वास्थ्य मंत्रालय का नेतृत्व ना किया होता तो आज भारत टीकों की 100 करोड़ खुराक नहीं उपलब्ध करा पाता. उन्होंने कहा, 'जब वह पिछले साल नवंबर में पुणे आए थे तो मैंने उन्हें आश्वस्त किया था कि टीकों के मामले में हम भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगे और दुनिया का सबसे सस्ता टीका विकसित करेंगे. आज वह बहुत खुश थे कि उस आश्वासन को हमने पूरा किया है.’

चरणबद्ध तरीके से हुआ टीकाकरण

गौरतलब है कि देश में टीकाकरण के पात्र वयस्कों में से 75% से अधिक लोगों को कम से कम 1 खुराक लग चुकी है, जबकि करीब 31% लोगों को टीके की दोनों खुराक लग चुकी हैं. 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी पात्र लोगों को टीकों की पहली खुराक दी जा चुकी है. आपको बता दें कि देश में टीकाकरण मुहिम की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी और इसके पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे. इसके बाद 2 फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण शुरू हुआ था. टीकाकरण मुहिम का अगला चरण 1 मार्च से आरंभ हुआ, जिसमें 60 साल से अधिक आयु के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके लगाने शुरू किए गए. इसके बाद देश में 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण 1 अप्रैल से शुरू किया गया और 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण 1 मई से शुरू हुआ था.

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देश के टीकाकरण अभियान में तीन टीकों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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