किसान बिल को लेकर PM मोदी ने संभाला मोर्चा, 15 दिन बीजेपी सांसद करेंगे ये काम
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किसान बिल को लेकर PM मोदी ने संभाला मोर्चा, 15 दिन बीजेपी सांसद करेंगे ये काम

बिल के खिलाफ जिस तरह से विपक्ष लामबंद हुआ है और किसानों को सड़क पर लाने की कोशिश हो रही है, उसकी काट और जवाब देने के लिये सत्ता पक्ष ने अपने सभी सांसदों को जमीन पर उतार दिया है.

बिल को लेकर बीजेपी सांसदों को जनता के बीच जाकर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं....

नई दिल्ली : किसानों से सम्बंधित कानून को लेकर पक्ष और विपक्ष अपनी अपनी मोर्चाबन्दी तेज कर दी है. विपक्ष सड़क पर है वहीं सरकार और सत्ता पक्ष ने किसान कानून को जमीन पर उतारने की रणनीति बनाई है. बीजेपी ने कृषि कानूनों के प्रचार प्रसार के बारे में अपने सांसदों को निर्देश जारी किए हैं.

  1. किसान बिल को लेकर BJP का अभियान
  2. खुद पीएम मोदी ने संभाली मोर्चे की कमान
  3. 15 दिन तक जनता के बीच जाकर करें चर्चा

पार्टी ने अपने लोक सभा और राज्य सभा सांसदों से पूछा है कि अभी तक इन ऐतिहासिक विधेयकों के पारित होने के बाद उसके प्रचार प्रसार के लिए उन्होंने क्या कार्यक्रम किए हैं ?

 

जनता के बीच जाने का निर्देश
पार्टी ने कहा कि इस बारे में शीर्ष नेतृत्व ने जो आग्रह किया था, उस पर सांसदों ने क्या कार्यवाही की है? सांसदों से ये भी पूछा  गया है कि किसानों का भ्रम दूर करने के लिए अगले 15 दिनों में क्या कार्यक्रम करने जा रहे हैं, इसकी भी जानकारी पार्टी को दें. मॉनसून सत्र के दौरान भी शीर्ष नेतृत्व ने सांसदों को फार्म बिल को लेकर अपने अपने क्षेत्रों की जनता को जागरूक करने का निर्देश दिया गया था.

 

पार्टी ने कहा कि इस बारे में शीर्ष नेतृत्व ने जो आग्रह किया था, उस पर सांसदों ने क्या कार्यवाही की है? सांसदों से ये भी पूछा  गया है कि किसानों का भ्रम दूर करने के लिए अगले 15 दिनों में क्या कार्यक्रम करने जा रहे हैं, इसकी भी जानकारी पार्टी को दे. इसके पहले मॉनसून सत्र के दौरान भी शीर्ष नेतृत्व ने सभी सांसदों को फार्म बिल को अपने अपने क्षेत्रों में जनता तक पहुचाने का निर्देश दिया था.

'आत्मनिर्भर किसान'  अभियान पर फोकस
बीजेपी ,किसानों के बीच इन कानूनों के प्रचार के लिए सात राज्यों और यूटी में पहले से ही 'आत्मनिर्भर किसान' नाम से एक अभियान चला रही है. 25 सितम्बर से 15 दिनों तक बीजेपी 7 राज्यों और यूटी में जनसंपर्क अभियान के जरिये इस बिल पर जागरूकता अभियान चला रही है.

देश के हर गांव में इन बिलों को लेकर घर-घर संपर्क किया जा रहा है. जनसभा के आयोजन के साथ चौपाल पर कृषि सुधारों की चर्चा की जा रही है. आत्मनिर्भर किसान और इस ऐतिहासिक कानून  को लेकर  किसान नेताओं एवं संगठनों के साथ भी इस संदर्भ में व्यापक चर्चा हो रही है. बिल को लेकर बुद्धिजीवी सम्मेलन और सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रचार करने को कहा गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाला है मोर्चा 
जाहिर है इस बिल के खिलाफ जिस तरह से विपक्ष लामबंद हुआ है और किसानों को सड़क पर लाने की कोशिश हो रही है, उसकी काट और जवाब देने के लिये सत्ता पक्ष ने अपने सभी सांसदों को जमीन पर उतार दिया है. वैसे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी किसान कानून के फायदे देश को बता रहे है और विपक्ष , खासकर कांग्रेस को आईना भी दिखा रहे है.
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