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नई दिल्ली. PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का यूएस (US) दौरा कई मायनों में कारगर साबित हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) से दोस्ती और संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में अपने दमदार भाषण के बाद पीएम मोदी वतन लौटने वाले हैं. इस दौरान वे अपने साथ 157 बेशकीमती पुरातात्विक धरोहरों और कलाकृतियों ला रहे हैं. भारत की इन 157 कलाकृतियों और पुरावशेषों को अमेरिका की ओर से सौंपा गया है. अमेरिका की इस उदारदा के प्रति पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की सराहना की है.
ये 157 कलाकृतियां चोरी और तस्करी करके भारत से अमेरिका ले जाई गईं थीं. अब एक बार फिर से पीएम इनको अपने देश में वापस ला रहे हैं. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इनमें आधी कलाकृतियां (71) सांस्कृतिक हैं, अन्य आधे में मूर्तियां हैं जो हिंदू धर्म (60), बौद्ध धर्म (16) और जैन धर्म (9) से संबंधित हैं. इन कलाकृतियों का निर्माण धातु, पत्थर और टेराकोटा तक में हुआ है. कांस्य संग्रहों में मुख्य रूप से लक्ष्मी नारायण, बुद्ध, विष्णु, शिव पार्वती और 24 जैन तीर्थंकरों की प्रसिद्ध मुद्राओं के अलावा दुर्लभ कंकलमूर्ति, ब्राह्मी और नंदीकेश के साथ कुछ और अनाम देवीदेवाताओं की प्रतिमाएं शामिल हैं.
Homecoming of Indian treasures!
157 Indian antiquities were returned by the Government of USA to the Government of India during the visit of PM @narendramodi to USA. pic.twitter.com/sEYUGF8Umf
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) September 25, 2021
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इन कुल 157 कलाकृतियों की लिस्ट में 10वीं CE के बलुआ पत्थर में रेवंता के डेढ़ मीटर बेस रिलीफ पैनल से लेकर 8.5 सेंटीमीटर लंबे कांस्य नटराज तक के सेट हैं. ये बहुत ही बेशकीमती हैं. इन कलाकृतियों में अधिकतर 11 वीं CE से 14 वीं CE काल की ऐतिहासिक कलाकृतियां हैं. वहीं करीब 45 कलाकृतियां सामान्य युग से पहले की हैं.
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बता दें, 1976 से 2013 के बीच विदेश से केवल 13 कलाकृतियां और पुरावशेष वापस आए. जबकि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी सरकार की ओर से अब तक 200 से अधिक पुरावशेष या तो वापस आ गए हैं या वापस आने की प्रक्रिया में हैं. सूत्रों के अनुसार 2004 और 2014 के बीच केवल एक कलाकृति ही भारत लौट पाई. इस तरह मोदी सरकार चार दशक पहले की तुलना में अधिक प्राचीन भारतीय कलाकृतियां वापस लाई है.
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