प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने AMU में राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया, सबका साथ और विकास का मंत्र दोहराया. राष्ट्रवाद की इसी लहर को भाजपा पश्चिम बंगाल में सुनामी बना देना चाहती है. अपने ‘नेशन फर्स्ट’ के नारे के साथ भाजपा ममता सरकार पर हमलावर है.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के बाद आज (24 दिसंबर) विश्व भारती विश्वविद्यालय (Visva-Bharati University) के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे. इस दौरान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी रहेंगे मौजूद. PM मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 11 बजे शांतिनिकेतन में विश्व भारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री के इस संबोधन को भाजपा के ‘मिशन बंगाल’ के लिए काफी अहम माना जा रहा है. इससे पहले मंगलवार को PM मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह को संबोधित किया था.
महज 2 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का ये दूसरा अहम संबोधन होगा. PM के इस संबोधन को भाजपा के बंगाल मिशन के लिए काफी अहम माना जा रहा है. प्रधानमंत्री का ये संबोधन क्यों अहम है, यह AMU में उनके संबोधन से समझा जा सकता है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया, सबका साथ और विकास का मंत्र दोहराया. राष्ट्रवाद की इसी लहर को भाजपा पश्चिम बंगाल में सुनामी बना देना चाहती है. अपने ‘नेशन फर्स्ट’ के नारे के साथ भाजपा ममता सरकार पर हमलावर है, वो महापुरुषों की विरासत पर अपनी दावेदारी मजबूत कर ममता बनर्जी को बैकफुट पर धकेलना चाहती है और ये संबोधन उसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है.
आश्रम के तौर पर हुई थी शुरुआत
शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय की शुरुआत एक आश्रम के तौर पर रवींद्रनाथ टैगोर के पिता महर्षि देवेंद्रनाथ टैगोर ने 1863 में की थी. 1921 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्र नाथ टैगोर ने विश्व भारती विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलवाया. तब देश के प्रधानमंत्री ही विश्व भारती विश्वविद्यालय के चांसलर भी होते थे. बता दें कि विश्व भारती देश की सबसे पुरानी केंद्रीय यूनिवर्सिटी है. मई 1951 में संसद के एक अधिनियम द्वारा विश्व-भारती को राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान घोषित किया गया था.
इसलिए अहम है PM का संबोधन
भाजपा सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद, गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर और खुदीराम बोस जैसे महापुरुषों की विरासत पर अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहती है. पार्टी ने इसी लाइन पर अपनी रणनीति तैयार की है. PM आज विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे और अमित शाह की 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाने के लिए पश्चिम बंगाल जाने की योजना है. ममता बनर्जी भाजपा की इस आक्रमक रणनीति से बेचैन और घबराई हुई हैं. क्योंकि वह जानती हैं कि अगर विरासत पर भाजपा की दावेदारी मजबूत हो गई तो वे बंगाल की लड़ाई हार सकती हैं.
भाजपा को टक्कर देने के लिए ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी महापुरुषों के सम्मान के लिए अपना कार्यक्रम जारी कर दिया है. 1-7 जनवरी तक TMC द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. पार्टी 12 जनवरी को विवेकानंद की जयंती, 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती और नेताजी की जयंती भी मनाएगी. ममता बनर्जी भाजपा को बाहरी बताकर लोगों को यह समझाने में लगी हैं कि उनका विकास केवल TMC ही कर सकती है, लेकिन उनका मजबूत समझा जाने वाला किला अब दरकने लगा है.