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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) को वापस लेने का ऐलान किया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए कमेटी के गठन का ऐलान किया. इस कमेटी में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि के अलावा किसान, कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री होंगे.
1. पीएम मोदी ने राष्ट्रहित में लिया फैसला: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) को वापस लेने का फैसला राष्ट्रहित में लिया. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा निजी और पार्टी हित की जगह राष्ट्रहित में फैसला लिया गया.
2. भारत विरोधी तत्व उठा रहे थे फायदा: भारत विरोधी तत्व तीनों कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे थे. ऐसे तत्व समुदायों के बीच दरार पैदा करना चाहते थे और भारत को अपूरणीय क्षति पहुंचाना चाहते थे. इसलिए पीएम मोदी ने कानूनों को वापस लेने का फैसला किया.
3. सियासी वजह: अगले साल उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले यह बड़ा सियासी कदम हो सकता है. यूपी में विधान सभा चुनाव में पश्चिम उत्तर प्रदेश में खासकर जाट समुदाय को अपने पाले में रखने के लिए इसकी जरूरत थी. पिछले चुनावों में जाट समुदाय ने लगभग एक होकर बीजेपी के पक्ष में वोटिंग किया था. इस बार विधान सभा चुनाव में ये वोट विपक्ष के पाले में जाने की पूरी संभावना थी. आज के फैसले के बाद अब ये वोट फिर से बीजेपी के साथ आ जाएगी. इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गैर मुस्लिम, गैर जाटव और गैर यादव वोट एकमुश्त बीजेपी के साथ आ जाने की संभावना है. इसका चुनाव नतीजे पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. पंजाब विधान सभा चुनाव में बीजेपी के नेताओ को प्रचार करना नामुमकिन था और उन पर हमले हो रहे थे. आज के फैसले के बाद स्थितियां बदल जाएगी. कैप्टन अमरिंदर सिंह अब पंजाब में किसानों के बीच अपनी पैठ और बढ़ाएंगे और उनका बीजेपी के साथ गठबंधन तय है. आनेवाले दिनों में हो सकता है कि अकाली दल भी बीजेपी गठबंधन का हिस्सा बन जाए. ऐसे में शहरी, ग्रामीण और किसानों के बीच ये गठबंधन मजबूत दावेदार हो जाएगा.
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पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की वजह भी बताई और कहा कि हम किसानों को समझा नहीं सके इसलिए इन कानूनों को वापस ले रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि कानून वापस ले रहे हैं, लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया.
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) कृषि कानूनों की वापसी से से ज्यादा निराश होंगे, क्योंकि किसी की भी पैरवी करने से पहले वह उन्हें ले आए थे. अब माना जा रहा है कि पीएम मोदी कृषि सुधार यात्रा को जारी रखेंगे. जैसा अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा भी कि कृषि से संबंधित मुद्दों पर कमेटी बनेगी यानी सुधार यात्रा जारी रहेगी.
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