प्रधानमंत्री मोदी के जीवन पर आधारित बाल फिल्म 'चलो जीते हैं' रविवार रात नौ बजे रिलीज हो रही है. यह फिल्म इंटरनेट पर रिलीज की जाएगी और कुछ चुनिंदा टीवी चैनलों पर भी इसे देखा जा सकता है.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों के लिए खुशखबरी है क्योंकि उनके जीवन पर आधारित बाल फिल्म 'चलो जीते हैं' रविवार रात नौ बजे रिलीज हो रही है. यह फिल्म इंटरनेट पर रिलीज की जाएगी और कुछ चुनिंदा टीवी चैनलों पर भी इसे देखा जा सकता है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लोगों से इस फिल्म को देखने की अपील की है.
‘Chalo Jeete Hain’ - a short film inspired by events from the childhood days of PM Shri @narendramodi, will premiere tonight, 29Jul at 9pm on all channels of Star and Hotstar app. I urge everyone to watch this movie along with family, friends and children.https://t.co/pquOI4rjB7
— Amit Shah (@AmitShah) July 29, 2018
इस फिल्म के निर्माता महेश हडावले हैं. बीजेपी के सभी बड़े नेता, केंद्रीय मंत्री और पार्टी के संगठन ने इस फिल्म को प्रमोट करने के लिए अपनी तरफ से भरपूर कोशिश की है. माना जा रहा है कि ये फिल्म आगामी लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है. बीते दिनों राष्ट्रपति भवन में इस फिल्म का विशेष प्रीमियर आयोजित किया गया था और मुंबई में फिल्म के एक प्रीमियर में बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार और उद्योगपति मुकेश अंबानी भी शामिल हो चुके हैं.
बीजेपी ने किया प्रमोट
प्रधानमंत्री मोदी के बचपन पर आधारित होने के कारण ही बीजेपी के सभी बड़े नेता तथा पार्टी के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से इस फिल्म को प्रमोट किया जा रहा है. ये पहली बार है जब पार्टी किसी फिल्म को इतने बड़े स्तर पर प्रमोट कर रही है. पार्टी इस फिल्म के प्रमोशन के लिए आक्रामक ढंग से आगे आई है.
'चलो जीते हैं' फिल्म में एक जगह मुख्य पात्र नारू कहता है, 'मां तुम सबके लिए जीती हो, मगर मैं किसके लिए जी रहा हूं. फिर वो सबसे यही सबाल पूछते हैं कि आप किसके लिए जीते हो. फिर उनके अध्यापक भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव का नाम लेकर कहते हैं कि ये लोग देश के लिए जीए. और फिर नारू ने अपने देशवासियों के लिए जीने का फैसला कर लिया.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी नरेंद्र मोदी के बचपन पर आधारित एक कॉमिक्स आई थी, जिसका नाम बाल नरेंद्र था. उस कड़ी में अब उनके बचपन पर आधारित फिल्म आ रही है. जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी का बचपन कुछ ऐसा है, जो हर किसी को भावनात्मक रूप से उनसे जोड़ता है. प्रधानमंत्री खुद कई बार अपने भाषण में अपने बचपन की परिस्थितियों का जिक्र कर चुके हैं.