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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'आत्मनिर्भर नारीशक्ति से संवाद (Nari Shakti se Samvad)' प्रोग्राम में हिस्सा लिया और महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों से बात की. पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान 4 लाख स्वयं सहायता समूहों के लिए 1625 करोड़ रुपये का फंड भी रिलीज किया. इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों के 7500 सदस्यों को बीज के लिए 25 करोड़ रुपए जारी किए, जो खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की PMFME योजना के तहत दी जा रही है.
महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'कोरोना में जिस प्रकार से हमारी बहनों ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से देशवासियों की सेवा की वो अभूतपूर्व है. मास्क और सेनेटाइजर बनाना हो, जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाना हो, जागरूकता का काम हो, हर प्रकार से आपकी सखी समूहों का योगदान अतुलनीय रहा है.'
पीएम मोदी ने कहा, 'आज, 42 करोड़ से अधिक जन धन बैंक खाते हैं, जिनमें से 55 प्रतिशत महिलाओं के नाम पर हैं. इन खातों में हजारों करोड़ हैं. हमने न सिर्फ बैंक खाते खोले, बल्कि कर्ज भी आसान किया.' उन्होंने आगे कहा, 'जब हमारी सरकार आई तो हमने देखा कि देश की करोड़ों बहनें ऐसी थीं, जिनके पास बैंक खाता तक नहीं था, जो बैंकिंग सिस्टम से कोसों दूर थीं. इसलिए हमने सबसे पहले जनधन खाते खोलने का बहुत बड़ा अभियान शुरू किया.'
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प्रधानमंत्री ने कहा, 'पिछले 7 वर्षों में, स्वयं सहायता समूहों ने अपने ऋणों का भुगतान करने में सराहनीय काम किया है. एक समय था जब 9 प्रतिशत लोन बैड लोन बन जाते थे. यह अब घटकर 2-2.5 प्रतिशत हो गया है. देश आपकी ईमानदारी को स्वीकार करता है.' उन्होंने कहा, 'महिलाओं में उद्यमशीलता का दायरा बढ़ाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में अधिक भागीदारी के लिए आज बड़ी आर्थिक मदद जारी की गई है.'
पीएम मोदी ने कहा, 'फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यम हो, महिला किसान उत्पादक संघ हो या फिर दूसरे स्वयं सहायता समूह, बहनों के ऐसे लाखों समूहों के लिए 1,600 करोड़ रुपये से अधिक राशि भेजी गई है.' उन्होंने कहा, 'स्वयं सहायता समूहों को और अधिक प्रेरित करने के लिए उन्हें अब 20 लाख रुपये का ऋण मिलेगा. यह राशि पहले के मुकाबले दोगुना है. नियामक ढांचे को भी कम किया गया कम.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज देशभर में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी है. पिछले 6-7 सालों के दौरान स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, तीन गुना बहनों की भागीदारी सुनिश्चित हुई है.' उन्होंने कहा, 'आज बदलते हुए भारत में देश की बहनों-बेटियों के पास भी आगे बढ़ने के अवसर बढ़ रहे हैं. घर, शौचालय, बिजली, पानी, जैसी सुविधाओं से सभी बहनों को जोड़ा जा रहा है. बहनों-बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी ज़रूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है.'
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