विदेश से खरीदने के बजाय, स्वदेशी हथियारों पर क्यों बढ़ा सरकार का भरोसा; PM मोदी ने बताई वजह
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विदेश से खरीदने के बजाय, स्वदेशी हथियारों पर क्यों बढ़ा सरकार का भरोसा; PM मोदी ने बताई वजह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को आम बजट-2022 में रक्षा क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि जब बाहर से हथियार लाए जाते हैं तो इसकी प्रक्रिया इतनी लंबी होती है कि सुरक्षाबलों तक पहुंचने तक उनमें से कई हथियार समय की मांग के अनुरूप नहीं रहते.

विदेश से खरीदने के बजाय, स्वदेशी हथियारों पर क्यों बढ़ा सरकार का भरोसा; PM मोदी ने बताई वजह

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को आम बजट-2022 में रक्षा क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर लगातार बल दे रहा है और इस बार के आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों में से 70 प्रतिशत घरेलू उद्योगों के लिए रखा जाना सरकार की इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

  1. विदेश से हथियार मंगाने की प्रक्रिया लंबी: पीएम मोदी
  2. पीएम ने कहा कि हथियार भी समय की मांग के अनुकूल नहीं रहते
  3. पीएम ने कहा कि पांच-छह सालों में रक्षा निर्यात में छह गुणा की वृद्धि हुई है

विदेश से हथियार मंगाने की प्रक्रिया लंबी: पीएम मोदी

वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने यह भी कहा कि विदेशों से हथियार मंगाने की प्रक्रिया बहुत लंबी है, जिसकी वजह से हथियार भी समय की मांग के अनुकूल नहीं रहते और इसमें भ्रष्टाचार तथा विवाद भी होते हैं, लिहाजा इसका समाधान 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' में ही है. उन्होंने कहा कि वेबिनार का विषय 'रक्षा में आत्मनिर्भरता, कॉल टू एक्शन' है और यह देश के इरादों को स्पष्ट करता है.

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विदेशों से हथियार मंगाने पर होते हैं ये नुकसान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'बीते कुछ सालों से भारत अपने रक्षा क्षेत्र में जिस आत्मनिर्भरता पर बल दे रहा है, उसकी प्रतिबद्धता इस बार के बजट में भी दिखेगी. इस साल के बजट में देश के भीतर ही शोध, डिजाइन और तैयारी से लेकर निर्माण तक का एक वाइब्रेंट इकोसिस्टम विकसित करने का ब्लूप्रिंट है.' उन्होंने कहा, 'रक्षा बजट में लगभग 70 प्रतिशत सिर्फ घरेलू उद्योगों के लिए रखा गया है.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब बाहर से हथियार लाए जाते हैं तो इसकी प्रक्रिया इतनी लंबी होती है कि सुरक्षाबलों तक पहुंचने तक उनमें से कई हथियार समय की मांग के अनुरूप नहीं रहते. उन्होंने कहा, 'इसका समाधान भी 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' और 'मेक इन इंडिया' में ही है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच-छह सालों में रक्षा निर्यात में छह गुणा की वृद्धि हुई है और आज भारत 75 से भी ज्यादा देशों को 'मेड इन इंडिया' रक्षा उपकरण और सेवाएं मुहैया करा रहा है.

7 सालों में रक्षा निर्माण के लिए 350 औद्योगिक लाइसेंस जारी

पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'मेक इन इंडिया को सरकार के प्रोत्साहन का परिणाम है कि पिछले सात सालों में रक्षा निर्माण के लिए 350 से भी अधिक नए औद्योगिक लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं, जबकि 2001 से 2014 तक, चौदह वर्षों में सिर्फ 200 लाइसेंस जारी हुए थे.' प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी से पहले और उसके बाद भी भारत की रक्षा निर्माण की ताकत बहुत ज्यादा थी और दूसरे विश्व युद्ध में भारत में बने हथियारों ने बड़ी भूमिका भी निभाई थी।

उन्होंने कहा, 'हालांकि बाद के वर्षों में हमारी यह ताकत कमजोर होती चली गई, लेकिन यह दिखाता है कि भारत में क्षमता की कमी ना तब थी, और ना अब है.' सूचना और प्रौद्योगिकी को भारत की बहुत बड़ी सार्मथ्य करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में इसका जितना ज्यादा इस्तेमाल होगा, देश की सुरक्षा उतनी ही मजबूत होगी.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)

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