नरेंद्र मोदी को 20 साल तक क्यों खोजते रहे बैंक वाले? आज वायरल हो रहा एक दशक पुराना वीडियो
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नरेंद्र मोदी को 20 साल तक क्यों खोजते रहे बैंक वाले? आज वायरल हो रहा एक दशक पुराना वीडियो

PM Modi Childhood Story: करीब एक दशक पहले, पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन का एक किस्सा सुनाया था. उन्होंने बताया था कि कैसे बैंक वाले उन्हें 20 साल तक खोजते रहे.

नरेंद्र मोदी को 20 साल तक क्यों खोजते रहे बैंक वाले? आज वायरल हो रहा एक दशक पुराना वीडियो

Jan Dhan Yojana Scheme: प्रधानमंत्री जनधन योजना के शुभारंभ के 10 साल पूरे हो गए हैं. इस अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर 'मोदी आर्काइव' अकाउंट ने पीएम नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो क्लिप शेयर किया है. इसमें पीएम मोदी अपने स्कूल के दिनों का एक किस्सा बताते हुए नजर आ रहे हैं. यह वीडियो साल 2014 का है जिसमें 'प्रधानमंत्री जनधन योजना' कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी अपने बचपन के दिनों का एक किस्सा बता रहे हैं.

पीएम मोदी कहते हैं, 'मैं, मेरे गांव में एक स्कूल में पढ़ता था और उस दौरान 'देना बैंक' के लोग हमारे स्कूल में आए. वो गुल्लक देकर समझाते थे कि पैसों को किस तरह से बचाना है. इसी के चलते हमने भी बैंक में खाता खुलवा दिया. और मुझे एक गुल्लक भी दिया गया. वह गुल्लक कभी भरा नहीं. क्योंकि मेरा बैकग्राउंड ऐसा नहीं था कि उसमें कभी पैसे डाल पाएं'

'दो दशक तक खोजते रहे बैंक वाले'

उन्होंने आगे बताया, 'खाता खुल गया था, लेकिन मैंने स्कूल, गांव छोड़ दिया. मगर बैंक वाले मुझे खोजने लगे. शायद उन्होंने मुझे 20 साल तक खोजा, क्योंकि वह खाता बंद करवाना चाहते थे. तब जाकर मुझे पता चला कि उस दौर में खाता बंद करवाने के लिए भी कोशिश की जाती थी. लेकिन, आज खाता खोलने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और मैं इसको गरीबों की जिंदगी का सूर्योदय मानता हूं.'

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मोदी आर्काइव ने वीडियो को शेयर करते हुए 'एक्स' अकाउंट पर एक कैप्शन भी लिखा. उसमें लिखा था, 'पांच दशक से भी अधिक समय पहले एक युवा स्कूली छात्र ने बचत का महत्व समझाकर बैंक खाता खोला था. उस समय उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह उसे एक बहुत ही महत्वपूर्ण सबक सिखाएगा. एक सबक जो बचत के महत्व को दर्शाता है.'

कैप्शन में आगे लिखा, 'परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि छात्र के पास बड़े होने के बाद भी बैंक खाते में पैसे जमा करने के लिए साधन नहीं थे. दशकों बिना इस्तेमाल के खाता पड़े रहने को सिस्टम ने एक बोझ के रूप में देखा और इसे बंद करने के लिए लगातार प्रयास किए. आखिरकार 20 साल बाद उन्होंने खुद ही इसे बंद करने का फैसला किया. यह युवा लड़का कोई और नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे.' (IANS इनपुट्स)

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