Trending Photos
अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) ने शुक्रवार (12 मार्च) को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram) से 'आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrut Mahotsav)' की शुरुआत की और दांडी मार्च यात्रा को हरी झंडी दिखाई. बता दें कि केंद्र सरकार ने 12 मार्च 2021 से 15 अगस्त 2022 तक देश के 75 स्थानों पर 'आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrut Mahotsav)' मनाने की घोषणा की है और दांडी मार्च इसी महोत्सव का एक हिस्सा है. कार्यक्रम के आगाज के लिए 12 मार्च का दिन इसलिए चुना गया है, क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा की शुरुआत की थी.
आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrut Mahotsav) कार्यक्रम की शुरुआत के बाद पीए मोदी ने कहा, 'आज जब मैं सुबह दिल्ली से निकला तो, बहुत ही अद्भुत संयोग हुआ. अमृत महोत्सव के प्रारंभ होने से पहले आज देश की राजधानी में अमृत वर्षा भी हुई और वरुण देव ने आशीर्वाद भी दिया.' उन्होंने कहा, 'आज आजादी के अमृत महोत्सव का प्रारंभ हो रहा है. अमृत महोत्सव 15 अगस्त, 2022 से 75 सप्ताह पूर्व आज प्रारंभ हुआ है और 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है, जब वो अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल पल जुड़ा रहता है. फिर भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है.' उन्होंने कहा, 'हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आंका गया. हमारे यहां नमक का मतलब है- ईमानदारी. हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास. हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी.' उन्होंने आगे कहा, 'हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है. ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है. ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है.'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'Freedom Struggle, Ideas at 75, Achievements at 75, Actions at 75 और Resolves at 75. ये पांचों स्तम्भ आजादी की लड़ाई के साथ-साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे.' उन्होंने कहा, 'आजादी का अमृत महोत्सव यानी- आजादी की ऊर्जा का अमृत. आजादी का अमृत महोत्सव यानी - स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत. आजादी का अमृत महोत्सव यानी - नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत. आजादी का अमृत महोत्सव यानी - आत्मनिर्भरता का अमृत.'
पीएम मोदी ने कहा, 'हम सभी का सौभाग्य है कि हम आजाद भारत के इस ऐतिहासिक कालखंड के साक्षी बन रहे हैं. आज दांडी यात्रा यात्रा की वर्षगांठ पर हम बापू की इस कर्म स्थली पर इतिहास बनते भी देख रहे हैं और इतिहास का हिस्सा भी बन रहे हैं. जब हम ब्रिटिश शासन के युग के बारे में सोचते हैं जब करोड़ों लोग स्वतंत्रता की प्रतीक्षा कर रहे थे, तो यह स्वतंत्रता के 75 वर्षों के उत्सव को और भी महत्वपूर्ण बना देता है.' उन्होंने कहा, 'मैं इस पुण्य अवसर पर बापू के चरणों में अपने श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं. मैं देश के स्वाधीनता संग्राम में अपने आप को आहूत करने वाले, देश को नेतृत्व देने वाली सभी महान विभूतियों के चरणों में आदरपूर्वक नमन करता हूं.'
लाइव टीवी
पीएम मोदी ने कहा, 'साल 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है.' उन्होंने आगे कहा, 'आजादी के आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था. एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'देश के कोने-कोने से कितने ही दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा हैं जिन्होंने असंख्य तप-त्याग किए. याद करिए, तमिलनाडु के 32 वर्षीय नौजवान कोडि काथ् कुमरन को. अंग्रेजों ने उनको सिर में गोली मार दी, लेकिन उन्होंने मरते हुए भी देश के झंडे को जमीन में नहीं गिरने दिया.' उन्होंने आगे कहा, 'श्यामजी कृष्ण वर्मा, अंग्रेजों की धरती पर रहकर, उनकी नाक के नीचे आजादी के लिए संघर्ष करते रहे. लेकिन उनकी अस्थियां 7 दशकों तक इंतजार करती रही कि कब उन्हें भारतमाता की गोद नसीब होगी. 2003 में विदेश से उनकी अस्थियां मैं अपने कंधे पर उठाकर ले आया था.'
पीएम मोदी ने कहा, 'तमिलनाडु की ही वेलू नाचियार वो पहली महारानी थीं, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. इसी तरह, हमारे देश के आदिवासी समाज ने अपनी वीरता और पराक्रम से लगातार विदेशी हुकूमत को घुटनों पर लाने का काम किया था. अंडमान में जहां नेताजी सुभाष ने देश की पहली आजाद सरकार बनाकर तिरंगा फहराया था, देश ने उस विस्मृत इतिहास को भी भव्य आकार दिया है. अंडमान निकोबार के द्वीपों को स्वतंत्रता संग्राम के नामों पर रखा गया है.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जालियांवाला बाग में स्मारक हो या फिर पाइका आंदोलन की स्मृति में स्मारक, सभी पर काम हुआ है. बाबा साहेब से जुड़े जो स्थान दशकों से भूले बिसरे पड़े थे, उनका भी विकास देश ने पंचतीर्थ के रूप में किया है.' उन्होंने आगे कहा, 'देश इतिहास के इस गौरव को सहेजने के लिए पिछले 6 सालों से सजग प्रयास कर रहा है. हर राज्य, क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. दांडी यात्रा से जुड़े स्थल का पुनरुद्धार देश ने दो साल पहले ही पूरा किया था. मुझे खुद इस अवसर पर दांडी जाने का अवसर मिला था.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम के हृदय कुंज में महात्मा गांधी की तस्वीर को माला अर्पित की. इस दौरान उनके साथ गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद थे. इसके साथ ही उन्होंने 'आजादी का अमृत महोत्सव' की वेबसाइट को लॉन्च किया.
राष्ट्रपिता महात्मागांधी (Mahatma Gandhi) ने दांडी मार्च का आयोजन अंग्रेजों द्वारा नमक के ऊपर कर लगाए जाने के खिलाफ किया था. साबरमती आश्रम से 390 किमी दूर स्थित दक्षिणी गुजरात के दांडी गांव तक की यात्रा (Dandi March) उन्होंने 78 लोगों के साथ 25 दिन में पूरी की थी. उन्होंने 6 अप्रैल 1930 को नमक हाथ लेकर नमक विरोधी कानून तोड़ा था.
आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrut Mahotsav) भारत के स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला है. महोत्सव जन भागीदारी भावना के साथ जन उत्सव के रूप में मनाया जाएगा. 75 सप्ताह तक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जो 15 अगस्त 2022 तक चलेगा. स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में नीतियों और योजनाओं को तैयार करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है.