what is Sohrai painting: आदिवासी कला जीवंत कला है. एक दशक पहले सोहराई जैसी चित्रकारी कला को लोग भूलते जा रहे थे. मगर आज ये हमारे शहर का स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है. लोग अपने घरों को बाहर से और बेडरूम -ड्राइंग रूम को सजाने के लिए ऐसी पेंटिंग आजमा रहे हैं. यही नहीं अब पीएम मोदी ने इसे रूस तक भी पहुंया दिया है. जानें कैसे?
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BRICS Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति पुतिन को झारखंड की बेहद खास 'सोहराई पेंटिंग' भेंट की थी. झारखंड के हजारीबाग जिले की 'सोहराई पेंटिंग', इस क्षेत्र की स्वदेशी कलात्मक परंपराओं का एक सुंदर प्रतिनिधित्व है. सोहराई पेंटिंग को ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) आइटम के रूप में मान्यता प्राप्त है.
क्या है सोहराई पेंटिंग? क्या है इसके पीछे की कहानी
सोहराई पेंटिंग को प्राकृतिक रंगों और सरल औजारों के इस्तेमाल के लिए जाना जाता है. कलाकार अक्सर जटिल डिजाइन बनाने के लिए टहनियों, चावल के भूसे या उंगलियों से बने ब्रश का इस्तेमाल करते हैं. वे कला के जरिए, सरल लेकिन दिलचस्प, कहानी कहते हैं. सोहराई पेंटिंग पारंपरिक रूप से महिलाओं द्वारा बनाई जाती हैं, खासकर त्योहारों और फसल के मौसम के दौरान. यह कला फसल के लिए आभार का एक रूप है और माना जाता है कि यह आने वाले वर्ष के लिए सौभाग्य लाती है.
सोहराई पेंटिंग में किसका होता है प्रयोग?
सोहराई चित्रकला आमतौर पर प्रकृति से प्रेरणा लेती है, जो इसमें पत्तियों, पौधों और जानवरों के चित्र से अक्सर जाहिर होता है. पीएम मोदी की ओर से पुतिन को दी गई पेंटिंग में एक मोर को आस-पास के तत्वों के साथ बातचीत करते हुए दर्शाया गया है. इसकी मुद्रा एक सुंदर नृत्य का आभास देती है, जो छवि में जान डालती है. यह सुंदरता और समृद्धि का प्रतीक है. आसपास के प्राकृतिक तत्व, जैसे कि बेलें और पत्तियां, उर्वरता और पृथ्वी के साथ संबंध की मजबूती को दर्शाती हैं.
2024 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
2024 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रूस के कजान में आयोजित सोलहवां वार्षिक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन था. यह पहला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन था जिसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात सदस्य के रूप में शामिल हुए. 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इन देशों का संगठन एंट्री हुई थी. पीएम मोदी की इस दौरान राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी हुई. इनपुट आईएएनएस से