बीजेपी की विजय का 'सेतु'! चुनाव काल में PM मोदी की बिहार को सौगातों की बौछार
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बीजेपी की विजय का 'सेतु'! चुनाव काल में PM मोदी की बिहार को सौगातों की बौछार

पीएम मोदी ने आज कोसी रेल महासेतु का उद्घाटन किया. इसके जरिए बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है. कोसी महासेतु और किउल ब्रिज के साथ ही बिहार में रेल यातायात, रेलवे के बिजलीकरण, रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और नए रोजगार पैदा करने वाले एक दर्जन प्रोजेक्ट्स का आज लोकार्पण और शुभारंभ हुआ. 

बीजेपी की विजय का 'सेतु'! चुनाव काल में PM मोदी की बिहार को सौगातों की बौछार

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज बिहार को एक साथ कई योजनाओं की सौगात दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को‘ऐतिहासिक’ कोसी रेल महासेतु को राष्ट्र को समर्पित किया और इस अवसर पर बिहार के रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए 12 रेल परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया.

वीडियो कॉन्फ्रेंस से आयोजित इस समारोह में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय ने भी हिस्सा लिया.

बिहार के करोड़ों लोगों की समस्या का समाधान
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि इससे बिहार के करोड़ों लोगों की समस्या का समाधान होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ सालों में हमने इस ​परियोजना की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं. चार वर्ष पहले उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले महासेतु पटना और मुंगेर में बनाए गए थे. इससे लोगों का आना जाना आसान हुआ. दशकों से उत्तर बिहार जो विकास से वंचित था उसे गति मिली.

अटल जी का ड्रीम प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री ने कहा,  ' जब नीतीश जी रेल मंत्री थे, जब पासवान जी रेल मंत्री थे, तो उन्होंने भी इस समस्या को दूर करने के लिए बहुत प्रयास किया था. लेकिन फिर एक लंबा समय वो आया, जब इस दिशा में ज्यादा काम ही नहीं किया गया. बिहार में गंगा जी हों, कोसी हो, सोन हों, नदियों के विस्तार के कारण बिहार के अनेक हिस्से एक-दूसरे से कटे हुए रहे हैं. बिहार के करीब-करीब हर हिस्से के लोगों की एक बड़ी दिक्कत रही है, नदियों की वजह से होने वाला लंबा सफर. लेकिन आज लगातार इस पर काम किया जा रहा है. इस दिक्कत को दूर करने की कोशिश की जा रही है.'

पीएम मोदी ने कहा, ' ये महासेतु और ये प्रोजेक्ट अटल जी और नीतीश बाबू का ड्रीम प्रोजेक्ट भी रहा है. इस परियोजना की परिकल्पना अटल जी की सरकार में की गई थी. लेकिन फिर उनकी सरकार चली गई और प्रोजक्ट पर काम की गति भी धीमी हो गई. अटल जी ने 6 जून 2003 को इस योजना का शिलान्यास किया था. इसका उद्देश्य यही था कि मिथिला और कोसी क्षेत्र के लोगों की दिक्कतों को दूर किया जाए. अगर मिथिलांचल की फिक्र होती, बिहार के लोगों की दिक्कतों की फिक्र होती, तो कोसी रेल लाइन परियोजना पर तेजी से काम हुआ होता.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि लगभग साढ़े 8 दशक पहले विनाशकारी भूंकप ने मिथिला और कोसी क्षेत्र को अलग-थलग कर दिया था. आज इन दोनों अंचलों को जोड़ा जा रहा है. 

उद्योग-रोजगार को भी बढ़ावा
पीएम मोदी ने कहा कि कोसी और मिथिला क्षेत्र के लिए ये महासेतु सुविधा का साधन तो है ही, ये इस पूरे क्षेत्र में व्यापार-कारोबार, उद्योग-रोजगार को भी बढ़ावा देने वाला है. आज कोसी महासेतु होते हुए सुपौल-आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को बहुत लाभ होगा. यही नहीं, इससे नॉर्थ ईस्ट के साथियों के लिए एक वैकल्पिक रेलमार्ग भी उपलब्ध हो जाएगा.

पीएम ने कहा कि बिहार में जिस तरह की परिस्थितियां रहीं हैं, उसमें रेलवे, लोगों के आने-जाने का बहुत बड़ा साधन रही है. ऐसे में बिहार में रेलवे की स्थिति को सुधारना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहा है.

516 करोड़ रुपए की परियोजना
इस अवसर पर गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी को बिहार की विशेष चिंता रही है और यहां के चौमुखी विकास के लिये उन्होंने अनेकों कार्य किये हैं.

उन्होंने कहा, ‘आज का दिन बिहार के स्वर्णिम इतिहास में महत्वपूर्ण अध्याय साबित होने वाला है. 1934 के भूकंप ने बिहार के कोसी क्षेत्र को मिथिलांचल से अलग कर दिया, जिस बिहार को भूकंप ने बांट दिया, उसी को प्रधानमंत्री मोदी के अथक प्रयासों से फिर जोड़ा जा रहा है.’

गोयल ने कहा कि 2009 से 2014 के बीच रेलवे के लिये बिहार का रेलवे बजट औसतन 1,100 करोड़ रुपये हुआ करता था. प्रधानमंत्री मोदी ने इस राशि को तीन गुना कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘अब बिहार में रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष लगभग 3,400 करोड़ रुपये निवेश किये जाते हैं.’

कोसी महासेतु परियोजना को 2003-04 में केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी. इसकी लंबाई 1.9 किलोमीटर है और इसके निर्माण में 516 करोड़ रुपए की लागत आई है.

दर्जन भर से अधिक परियोजनाओं की सौगात
प्रधानमंत्री मोदी ने जिन परियोजाओं का शुभारंभ किया उनमें किउल नदी पर एक नया रेल पुल, दो नई रेल लाइनें, पांच विद्युतीकरण परियोजनाएं, एक विद्युत लोकोमोटिव शेड और बाढ़-बख्तियारपुर के बीच तीसरी नई लाइन परियोजना शामिल हैं.

इनके अलावा प्रधानमंत्री ने दो नई लाइन परियोजनाओं हाजीपुर-घोसवार-वैशाली और इस्लामपुर-नातेशर का भी उदघाटन किया. उन्होंने करनौती-बख्तियारपुर संपर्क बाईपास और बाढ़-बख्तियारपुर के बीच तीसरी लाइन का भी उद्घाटन किया.

पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री ने बिहार को दर्जन भर से अधिक परियोजनाओं की सौगात दी है. बिहार में अक्टूबर-नवम्बर में विधानसभा के चुनाव होने हैं. निर्वाचन आयोग कभी भी राज्य में चुनाव की घोषणा कर सकता है.

(इनपुट: भाषा से भी )

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