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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत में छात्रावास की आधारशिला रखी. पीएम मोदी ने श्री सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा बनाया गया हॉस्टेल फेज-1 (कुमार छात्रावास) के भूमिपूजन का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में आज हॉस्टल के फेज 1 का भूमिपूजन हुआ. साल 2024 तक दोनों फेज के काम को पूरा कर लिया जाएगा. आपके इन प्रयासों के द्वारा कई युवाओं को अपने सपने साकार करने का अवसर मिलेगा. मैं सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज को बधाई देता हूं.
PM Narendra Modi inaugurates the 'Bhoomi Poojan' ceremony of Hostel Phase-1 (Boys’ Hostel), via video conferencing. The hostel is being constructed by Saurashtra Patel Seva Samaj in Surat pic.twitter.com/cOYH2epLoM
— ANI (@ANI) October 15, 2021
पीएम ने कहा कि भारत इस समय अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है. ये अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तियों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई. आज की पीढ़ी को उन व्यक्तियों के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है.
पीएम ने कहा कि जो लोग गुजरात के बारे में कम जानते हैं, उन्हें मैं आज वल्लभ विद्यानगर के बारे में भी बताना चाहता हूं. आप में से काफी लोगों को पता होगा, ये स्थान करमसद-बाकरोल और आनंद के बीच में पड़ता है. इस स्थान को इसलिए विकसित किया गया था ताकि शिक्षा का प्रसार किया जा सके, गांव के विकास से जुड़े कामों में तेजी लाई जा सके.
पीएम मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास का सामर्थ्य क्या होता है ये भी मैंने गुजरात से ही सीखा है. एक समय गुजरात में अच्छे स्कूलों की कमी थी, अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षकों की कमी थी. उमिया माता का आशीर्वाद लेकर, खोड़ल धाम के दर्शन करके मैंने इस समस्या के समाधान के लिए लोगों को अपने साथ जोड़ा.
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अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि आप सभी के आशीर्वाद से मुझ जैसे अत्यन्त सामान्य व्यक्ति को जिसका कोई पारिवारिक या राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था, जिसके पास जातिवादी राजनीति का कोई आधार नहीं था, ऐसे मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को आपने आशीर्वाद देकर गुजरात की सेवा का मौका 2001 में दिया था.
पीएम ने कहा 'आपके आशीर्वाद की ताकत इतनी बड़ी है कि आज 20 वर्ष से अधिक समय हो गया, फिर भी अखंड रूप से पहले गुजरात की और आज पूरे देश की सेवा करने का सौभाग्य मिला है.'
उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रोफेशनल कोर्सेस की पढ़ाई स्थानीय भाषा में कराए जाने का विकल्प भी दिया गया है. अब पढ़ाई का मतलब डिग्री तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पढ़ाई को स्किल के साथ जोड़ा जा रहा है. देश अपने पारंपरिक स्किल्स को भी अब आधुनिक संभावनाओं से जोड़ रहा है.