प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Rajkot AIIMS) की आधारशिला रखी.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को गुजरात (Gujarat) को पहले एम्स की सौगात दी है. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Rajkot AIIMS) की आधारशिला रखी. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे.
एम्स राजकोट (Rajkot AIIMS) का शिलान्यास करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कार्यक्रम को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा, 'नया साल दस्तक दे रहा है. आज देश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने वाली एक और कड़ी जुड़ रही है. राजकोट में एम्स के शिलान्यास से गुजरात सहित पूरे देश के स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन को बल मिलेगा. साल 2020 को एक नई नेशनल हेल्थ फैसिलिटी के साथ विदाई देना, इस साल की चुनौती को भी बताता है और नए साल की प्राथमिकता को भी दर्शाता है.'
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पीएम मोदी ने कहा, 'मुश्किल भरे इस साल ने दिखाया है कि भारत जब एकजुट होता है तो मुश्किल से मुश्किल संकट का सामना वो कितने प्रभावी तरीके से कर सकता है. भारत ने एकजुटता के साथ समय पर प्रभावी कदम उठाए, उसी का परिणाम है कि आज हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं. जिस देश में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हों, घनी आबादी हों. वहां करीब 1 करोड़ लोग इस बीमारी से लड़कर जीत चुके हैं.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'पहले में कहता था दवाई नहीं तो ढिलाई नहीं. आज मैं कहता हूं कि दवाई भी और कड़ाई भी.' उन्होंने आगे कहा, 'साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी और चारों तरफ सवालिया निशान थे. लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है. वैक्सीन को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही हैं.'
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'स्वास्थ्य पर जब चोट होती है तो जीवन का हर पहलू बुरी तरह प्रभावित होता है और सिर्फ परिवार नहीं पूरा सामाजिक दायरा उसकी चपेट में आ जाता है. इसलिए साल का ये अंतिम दिन भारत के लाखों डॉक्टर्स, हेल्थ वॉरियर्स, सफाई कर्मियों, दवा दुकानों में काम करने वाले, और दूसरे फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को याद करने का है. कर्तव्य पथ पर जिन साथियों ने अपना जीवन दे दिया है, उन्हें मैं सादर नमन करता हूं.'
उन्होंने आगे कहा, 'मुश्किल भरे इस साल ने दिखाया है कि भारत जब एकजुट होता है तो मुश्किल से मुश्किल संकट का सामना वो कितने प्रभावी तरीके से कर सकता है. भारत ने एकजुटता के साथ समय पर प्रभावी कदम उठाए, उसी का परिणाम है कि आज हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं. जिस देश में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हों, घनी आबादी हों. वहां करीब 1 करोड़ लोग इस बीमारी से लड़कर जीत चुके हैं.'
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पीएम ने अपने संबोधन में कहा, 'आजादी के इतने दशकों बाद भी सिर्फ 6 एम्स ही बन पाए थे. साल 2003 में अटल जी की सरकार ने 6 नए एम्स बनाने के लिए कदम उठाए थे. उन्हें बनाते बनाते 2012 आ गया था, यानी 9 साल लग गए थे. बीते 6 सालों में 10 नए एम्स बनाने पर काम हो चुका है, जिनमें से कई आज पूरी तरह काम शुरू कर चुके हैं. एम्स के साथ ही देश में 20 एम्स जैसे सुपर स्पैशिलिटी हॉल्पिटल्स पर भी काम किया जा रहा.'
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'आयुष्मान भारत योजना से गरीबों के लगभग 30 हजार करोड़ रुपये ज्यादा बचे हैं. आप सोचिए, इस योजना ने गरीबों को कितनी बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है. अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज गरीबों ने अच्छे अस्पतालों में मुफ्त कराया है. 2014 से पहले हमारा हेल्थ सेक्टर अलग अलग दिशा में, अलग अलग अप्रोच के साथ काम कर रहा था.' उन्होंने कहा, 'प्राइमरी हेल्थ केयर का अपना अलग सिस्टम था, गांव में सुविधाएं न के बराबर थी. हमने हेल्थ सेक्टर में होलिस्टिक तरीके से काम शुरू किया. हमने जहां एक तरफ प्रिवेंटिव केयर पर बल दिया, वहीं इलाज की आधुनिक सुविधाओं को भी प्राथमिकता दी.'
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