पीएम मोदी ने कहा कि देश के गांवों में इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या शहरों से ज्यादा हो जाएगी, ये कुछ वर्षों तक सोचना मुश्किल था.
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नई दिल्ली: आज बिहार की विकास यात्रा का एक और अहम दिन है. अब से कुछ देर पहले बिहार में कनेक्टिविटी को बढ़ाने वाली 9 परियोजनाओं का शिलान्यास किया है. इन परियोजनाओं के लिए बिहार के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. ये बातें पीएम मोदी ने सोमवार को बिहार के लिए फाइबर केबल नेटवर्क तथा राजमार्गों से जुड़ी 9 परियोजनाओं के शिलान्यास के दौरान कहीं.
पीएम मोदी ने कहा, 'देश के गांवों में इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या शहरों से ज्यादा हो जाएगी, ये कुछ वर्षों तक सोचना मुश्किल था. किसान, गांव के युवा, महिलाएं आसानी से इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे इस पर भी लोग सवाल उठाते थे, लेकिन अब सारी स्थितियां बदल गई है.'
उन्होंने आगे कहा, 'इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ-साथ अब ये भी जरूरी है कि देश के गांवों में अच्छी क्वालिटी, तेज रफ्तार वाला इंटरनेट भी हो. सरकार के प्रयासों की वजह से देश की करीब डेढ़ लाख पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहले ही पहुंच चुका है.'
गांवों में मिलेगी अब शहरों की हर सुविधा
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'बीते 6 साल में देशभर में 300000 कॉमन सर्विस सेंटर भी ऑनलाइन जोड़े गए हैं. एक प्रकार से गांव को अब शहरों की ही तरह हर सुविधा घर बैठे मिलेगी. इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है. इतिहास साक्षी है, दुनियाभर में उसी देश ने सबसे तेज तरक्की की है जिसने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर गंभीरता से निवेश किया है. भारत में दशकों तक दशकों तक ऐसा रहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़े और व्यापक बदलाव लाने वाले प्रोजेक्ट पर उतना ध्यान नहीं दिया गया. बिहार तो इसका बहुत बड़ा भुक्त भोगी रहा है.'
पूर्वी और पश्चिमी बिहार को जोड़ने के लिए पांच प्रोजेक्ट
उन्होंने आगे कहा, 'यह अटल जी की सरकार थी जिसने सबसे पहले इंफ्रास्ट्रक्चर को राजनीति का, विकास की योजनाओं का प्रमुख आधार बनाया. नीतिश जी उन्हीं की सरकार के रेल मंत्री थे. उन्हें इसका और ज्यादा अनुभव है. बिहार की कनेक्टिविटी में सबसे बड़ी बाधा बड़ी नदियों के चलते रही हैं. रोड और कनेक्टिविटी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को विस्तार देने के इन प्रयासों का बिहार को भी भरपूर लाभ हो रहा है. पूर्वी भारत पर मेरा विशेष ध्यान है. पूर्वी और पश्चिमी बिहार को जोड़ने के लिए पांच प्रोजेक्ट हैं. उत्तरी भारत को दक्षिणी भारत से जोड़ने के लिए छह प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.'
पीएम मोदी ने कहा, 'दो पुल गंगा जी पर और एक पुल कोसी नदी पर बनने वाला है. इनके बनने पर गंगा जी और कोसी नदी पर फोरलेन के पुलों की क्षमता और बढ़ जाएगी. बिहार की लाइफ लाइन के रूप में मशहूर महात्मा गांधी सेतु का हाल भी हम सबने देखा है. आज वह नए रंग रूप में सेवाएं दे रहा है लेकिन बढ़ती आबादी और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए महात्मा गांधी सेतु के समांतर चार लेन का नया पुल बनाया जा रहा है. 21वीं सदी का बिहार अब इन सब पुराने कमियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है.'
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