PoK को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि वहां के लोग लगातार भारत में शामिल होने की मांग कर रहे हैं, ऐसे में हमें ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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Rajnath Singh Statement: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर एक अहम बयान दिया है. राजनाथ सिंह ने कहा कि अब पीओके को भारत में विलय करने की मांग हो रही है, वहां हमें ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ेगा. जम्मू में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक सम्मेलन में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान पर हमला बोला और आतंकवाद के लिए पड़ोसी देश को जमकर लताड़ लगाई. रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल में देश ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.
राजनाथ सिंह ने पाक-चीन पर साधा निशाना
पीओके को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि वहां के लोग लगातार भारत में शामिल होने की मांग कर रहे हैं, ऐसे में हमें ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जम्मू में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ ने पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को लेकर भी बयान दिया और कहा कि हमारी सेना ने LAC पर चीन को करारा जवाब दिया है. पाकिस्तान की धरती से फैल रहे आतंकवाद को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि जब 2019 में पुलवामा हमला हुआ तो पीएम मोदी ने दस मिनट के अंदर कार्रवाई का फैसला लिया. इसके बाद भारतीय सेना ने सीमा पार जाकर आतंकियों का सफाया कर दिया. राजनाथ ने साफ किया कि अगर जरूरत पड़ी तो भारत सीमा पार जाकर भी दुश्मनों का सफाया कर सकता है.
बता दें कि पिछले कुछ समय से पाकिस्तान के हालात अच्छे नहीं हैं, राजनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान की हालत बेहद खराब है. इस बीच समय-समय पर पीओके में पाकिस्तानी शासन के खिलाफ प्रदर्शन होते रहते हैं. यही कारण है कि भारत सरकार पीओके के मोर्चे पर नजर रखती है, इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह बयान काफी अहम हो जाता है.
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के साथ-साथ चीन पर भी हमला बोला. राजनाथ ने कहा कि चीन हमेशा सीमा पर कुछ न कुछ करता रहता है, लेकिन यह दावा गलत है कि चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है. हमारी वीर सेना ने सीमा पर चीन के हर इरादे को नाकाम कर दिया है.
इससे पहले राजनाथ सिंह का भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना, सांसद जुगल किशोर शर्मा और जम्मू के महापौर राजिंदर शर्मा समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हवाई अड्डे पर स्वागत किया. रक्षा मंत्री सिंह यहां पहुंचते ही जम्मू विश्वविद्यालय के लिए रवाना हो गए जहां सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में रक्षा विशेषज्ञ, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, शिक्षाविद्, चिकित्सक और युवाओं समेत करीब 1500 विशिष्ट आमंत्रित लोग भाग ले रहे हैं.