Hezbollah Pager Attacks: हिजबुल्‍लाह पेजर अटैक के बाद 'गायब' हुए रहस्‍यमयी इंडियन का खुला राज
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Hezbollah Pager Attacks: हिजबुल्‍लाह पेजर अटैक के बाद 'गायब' हुए रहस्‍यमयी इंडियन का खुला राज

Rinson Jose मूल रूप से केरल में वायनाड के रहने वाले हैं. वो कुछ साल पहले पढ़ाई के मकसद से विदेश गए और उसके बाद नॉर्वे में रहने लगे. इस वक्‍त उनके पास नॉर्वे की नागरिकता है.

Hezbollah Pager Attacks: हिजबुल्‍लाह पेजर अटैक के बाद 'गायब' हुए रहस्‍यमयी इंडियन का खुला राज

2024 Lebanon electronic device attacks: इजरायल ने लेबनान स्थित हिजबुल्‍लाह पर जब पिछले 17 सितंबर को पेजर अटैक किया तो पूरी दुनिया दंग रह गई थी. उससे पहले इस तरह के अटैक के बारे में सोचा भी नहीं गया था. तब से लेकर अब तक उस हमले के बारे में काफी कुछ कहा गया लेकिन उसमें एक चीज जो अभी तक मिसिंग थी, उसका अब जवाब मिल गया है. दरअसल हमले के बाद ये चर्चा आई थी कि हिजबुल्‍ला ने जिस कंपनी से वो पेजर्स खरीदे थे. उस कंपनी को चलाने वाला एक भारतीय मूल का शख्‍स रिंसन जोस (37) था. पेजर अटैक के बाद रिंसन गायब हो गए. तब से उनकी कोई खोज-खबर नहीं मिली थी.

रिंसन जोस मूल रूप से केरल में वायनाड के रहने वाले हैं. वो कुछ साल पहले पढ़ाई के मकसद से विदेश गए और उसके बाद नॉर्वे में रहने लगे. इस वक्‍त उनके पास नॉर्वे की नागरिकता है. द टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रिंसन ने उस हमले के बाद पहली बार भारत में अपने फैमिली से संपर्क किया है. उन्‍होंने अपने अंकल थंकचन से संपर्क कर कहा कि वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्‍होंने अपना काम-धाम फिर से शुरू कर दिया है. उन्‍होंने कहा कि उस हमले के बाद उनकी कंपनी की जांच हुई और पुलिस को कोई गड़बड़ी नहीं मिली. लिहाजा उनको क्‍लीन चिट दे दी गई है. पुलिस ने उनको निर्दोष माना है और कहा है कि पेजर ब्‍लास्‍ट से उनका कुछ लेना-देना नहीं है. अंकल के मुताबिक जोस और उनकी पत्‍नी इस वक्‍त नॉर्वे में ही हैं. 

इस केस के बारे में द न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने रविवार को एक आर्टिकल प्रकाशित किया था कि जब सितंबर में लेबनान में पेजर अटैक हुआ उस वक्‍त रिंसन जोस अमेरिका में थे. जब हमला हुआ वह उस वक्‍त बोस्‍टन में एक टेक्‍नोलॉजी कांफ्रेंस में हिस्‍सा ले रहे थे. उस रिपोर्ट में एक वरिष्‍ठ इजरायली रक्षा अधिकारी के हवाले से जोस के बारे में कहा गया था कि वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं लेकिन वो कहां हैं इस बारे में कोई सूचना शेयर नहीं की गई थी. हालांकि उस रिपोर्ट में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की फ्रंट कंपनियों और उनके कथित संबंधों पर सवाल किए गए थे.  

रिंसन जोस
17 सितंबर को जब हिजबुल्‍लाह पर इजरायल ने सिलसिलेवार तरीके से पेजर अटैक किए तो लेबनान, सीरिया में कुल मिलाकर 40 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग घायल हो गए. उसके बाद दुनियाभर की एजेंसियों का ध्‍यान बुल्‍गारिया स्थित नोर्टा ग्‍लोबल लिमिटेड की तरफ गया. इस कंपनी से ही सैकड़ों पेजर हिजबुल्‍लाह ने खरीदे थे. कहा जाता है कि ये कंपनी रिंसन जोस की है. बाद में बुल्‍गारिया की नेशनल सिक्‍योरिटी एजेंसी ने कहा कि जांच में पाया गया कि नोर्टा ग्‍लोबल और उसके मालिक का इस तरह के किसी भी खरीद-फरोख्‍त से कोई लेना-देना नहीं है. किसी भी तरह का दोनों पक्षों से कोई लेन-देन नहीं हुआ है. न ही किसी प्रकार की टेरर फंडिंग के सबूत मिले हैं. लिहाजा बुल्‍गारिया में सोफिया स्थित नोर्टा ग्‍लोबल और उसके मालिक रिंसन जोस को क्‍लीन चिट दे दी गई. क्‍लीन चिट मिलने के बाद ही रिंसन जोस ने अपने परिवार से संपर्क साधा है. 

केरल में वायनाड के रहने वाले रिंसन जोस के पैरेंट्स एम जोस और ग्रेसी पेशे से ट्रेलर रहे हैं. रिंसन अपने जुड़वा भाई के साथ पढ़ने के मकसद से विदेश गए थे. उनका भाई ब्रिटेन में काम करता है. रिंसन अपनी पत्‍नी के साथ नॉर्वे में रहते हैं. वह पिछली बार नवंबर, 2023 में भारत आए थे और जनवरी, 2024 को वापस गए.

 

 

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