Power Crisis: कोयले की कमी से बिजली संकट का खतरा! बचा है इतने दिन का स्टॉक
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Power Crisis: कोयले की कमी से बिजली संकट का खतरा! बचा है इतने दिन का स्टॉक

Shortage Of Coal In Power Generation Plants: अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ ने कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने पर चिंता जताई है. एआईपीईएफ ने आशंका जताई है कि इससे बिजली संकट का खतरा पैदा हो सकता है.

बिजली संकट का खतरा.

Power Crisis Due To Shortage Of Coal: अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ (AIPEF) ने देशभर के कोयला आधारित बिजली उत्पादन संयंत्रों (Power Generation Plants) में कोयले (Coal) की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से आने वाले समय में बिजली संकट (Power Crisis) पैदा होने की आशंका जताई है. बता दें कि देशभर में चल रहे कोयले और बिजली की स्थिति की खबरों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज (मंगलवार को) दिल्ली में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बैठक की.

गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग में हुआ इजाफा

एआईपीईएफ ने आज (मंगलवार को) एक बयान में कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही देश के अधिकांश राज्यों में बिजली की मांग बढ़ गई है लेकिन कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट्स को जरूरी मात्रा में कोयला नहीं मिल पा रहा है. इसकी वजह से बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच के फासले को पाटने में कई राज्यों को दिक्कत हो रही है.

यहां गंभीर स्थिति में है कोयले का भंडार

अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने कहा कि थर्मल पावर प्लांट्स को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित ना किए जाने पर देश को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. बयान में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) की दैनिक कोयला रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि घरेलू कोयले का इस्तेमाल करने वाले कुल 150 थर्मल पावर स्टेशनों में से 81 में कोयले का भंडार गंभीर स्थिति में हैं. प्राइवेट थर्मल पावर प्लांट्स की स्थिति भी उतनी ही खराब है, जिनके 54 में से 28 प्लांट में कोयले का भंडार गंभीर स्थिति में हैं.

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किन राज्यों में हैं सबसे खराब हालात?

एआईपीईएफ के बयान के अनुसार, देश के उत्तरी इलाके में सबसे ज्यादा खराब स्थिति राजस्थान और उत्तर प्रदेश की है. राजस्थान में 7,580 मेगावॉट क्षमता वाले सभी सातों थर्मल प्लांट्स के पास बहुत कम स्टॉक बचा है. उत्तर प्रदेश में भी अनपरा प्लांट को छोड़कर तीन सरकारी प्लांट्स में कोयला स्टॉक की स्थिति गंभीर बनी हुई है.

कितना बचा है कोयले का स्टॉक?

वहीं पंजाब के राजपुरा प्लांट में 17 दिनों का कोयला भंडार बचा है जबकि तलवंडी साबो प्लांट के पास चार दिन का स्टॉक है. वहीं जीवीके प्लांट के पास कोयले का स्टॉक खत्म हो चुका है. बयान के मुताबिक, हरियाणा में यमुनानगर प्लांट में 8 दिन और पानीपत प्लांट में 7 दिन का स्टॉक है. खेदार बिजली प्लांट में सिर्फ एक यूनिट के ही एक्टिव रहने से 22 दिनों का स्टॉक बचा हुआ है.

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एआईपीईएफ के मुताबिक, देश की उत्तरी राज्यों में शाम के समय 2,400 मेगावॉट बिजली की कमी दर्ज की जा रही है. इसमें उत्तर प्रदेश से 1,200 मेगावॉट और हरियाणा से 600 मेगावॉट की कमी रिकॉर्ड की गई है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने अगले कुछ महीनों में बिजली की मांग चरम पर होने की स्थिति में कोयले का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के लिए 10 प्रतिशत तक मिश्रण के लिए कोयला विदेश से मंगाने की सिफारिश की है.

हालांकि, एआईपीईएफ का मानना है कि महंगे आयातित कोयले से लागत बढ़ जाएगी. इसके अलावा कोयले की ढुलाई के लिए रेलवे ने हर दिन 415 ट्रेनों के इस्तेमाल की बात कही है जबकि जरूरत 453 ट्रेनों की है.

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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