अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि राज्यसभा सदस्य पटेल से छह जून को जांच अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है.
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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने यूपीए शासनकाल में हुए करोड़ों रुपये के विमानन घोटाले में धनशोधन के मामले की जांच के सिलसिले में एनसीपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व नागर विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल को अगले सप्ताह एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन भेजा है. इस घोटाले के चलते एयर इंडिया को कथित तौर पर नुकसान उठाना पड़ा.
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि राज्यसभा सदस्य पटेल से छह जून को जांच अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में हुए करोड़ों रुपये के कथित विमानन घोटाले के सिलसिले में किसी बड़े नेता के खिलाफ यह पहली कार्रवाई है.
अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि विमानन लॉबिस्ट दीपक तलवार की गिरफ्तारी के बाद हुए कुछ खुलासों और एजेंसी द्वारा जुटाए गए सबूतों के मद्देनजर पटेल से सवाल-जवाब किया जाना है.
क्या बोले पटेल?
इस बीच, प्रफुल्ल पटेल ने मुम्बई में कहा कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय के साथ सहयोग करके खुशी होगी. साथ ही एजेंसी को भी विमानन उद्योग की 'पेचीदगियों' के बारे में पता चलेगा. उन्होंने फोन पर कहा, 'मुझे प्रवर्तन निदेशालय के साथ सहयोग कर उसे विमानन उद्योग की 'पेचीदगियों' समझाने में खुशी होगी.'
एजेंसी ने हाल ही दायर कियाहै आरोपपत्र
एजेंसी ने हाल ही में दीपक तलवार को नामजद करते हुए आरोपपत्र दाखिल किया है. उसमें कहा गया है कि तलवार लगातार पटेल के संपर्क में था. ईडी ने आरोप पत्र में दावा किया कि गिरफ्तार किए गए तलवार ने अमीरात और एयर अरेबिया की ओर से पटेल के साथ विभिन्न संवादों को कथित तौर पर अंतिम रूप दिया था.
जांच एजेंसी ने अदालत को बताया, 'दीपक और पटेल के बीच ईमेल के जरिये हुई बातचीत के सबूत भी हैं.' आरोप पत्र के अनुसार, जांच में पता चला कि तलवार ने अपने संपर्कों का उपयोग करके निजी एयरलाइंस के लिए अनुचित कृपा प्राप्त की.
ईडी ने इससे पहले अदालत को बताया था कि वह एयर इंडिया के लाभ देने वाले मार्गों और समय को कतर एयरवेज, अमीरात एंड एयर अरेबिया समेत विदेशी एयरलाइनों को देने का पक्ष लेने वाले नागर विमानन मंत्रालय, नेशनल एविएशन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीआईएल) और एयर इंडिया के अधिकारियों के नामों का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
ईडी के अधिवक्ता ए आर आदित्य ने अदालत को बताया था कि इसकी वजह से राष्ट्रीय एयरलाइंस को मार्केट शेयरों को भारी नुकसान हुआ तथा निजी घरेलू और विदेशी एयरलाइंस को जबरदस्त फायदा भी हुआ.