Pranab Mukherjee on Rahul Gandhi: हालिया असेंबली चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी के नेतृत्व पर फिर सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच प्रणब मुखर्जी के जीवन पर आने वाली किताब के अंशों ने माहौल और गर्मा दिया है.
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Sharmistha Mukherjee new book on his father: देश के 5 राज्यों में हुए असेंबली चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. इनमें से 3 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में करारी हार के बाद कांग्रेस सत्ता से बाहर हो चुकी है. इस हार के साथ ही कांग्रेस के सीनियर लीडर और पीएम पद के भावी उम्मीदवार राहुल गांधी की लीडरशिप क्वालिटी पर फिर सवाल उठने लगे हैं. अब देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर लिखी पुस्तक में उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राहुल गांधी पर कई रहस्योदघाटन किए हैं.
'परिपक्व नेता नहीं रहे राहुल गांधी'
शर्मिष्ठा मुखर्जी के मुताबिक उनके पिता प्रणब मुखर्जी मानते थे कि राहुल गांधी जिज्ञासु प्रवृति के ऐसे इंसान रहे, जिनके पास अनेक सवालों का भंडार होता था. लेकिन वे किसी भी मुद्दे पर स्थाई रूप से स्थिर नहीं रह पाते थे और कुछ ही वक्त बाद दूसरे मुद्दे पर शिफ्ट हो जाते थे. प्रणब दा, राहुल गांधी को परिपक्व राजनेता नहीं मानते थे. इस कमी को दूर करने के लिए उन्होंने उन्हें कैबिनेट में शामिल हो जाने का सुझाव दिया लेकिन राहुल ने इसे नहीं माना.
'राहुल को मंत्री बनने का सुझाव'
अपनी आने वाली पुस्तक 'इन प्रणब, माई फादरः ए डॉटर रिमेम्बर्स' में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने लिखा, 'राहुल गांधी अक्सर राष्ट्रपति भवन में उनके पिता प्रणब मुखर्जी से मिलने जाया करते थे. एक बार प्रणब दा ने उन्हें सलाह दी कि वे देश के भावी नेता हैं. उन्हें सरकार चलाने के लिए कुछ अनुभव हासिल करना चाहिए. उन्होंने इसके लिए उन्हें कैबिनेट में शामिल हो जाने का सुझाव दिया लेकिन राहुल गांधी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.'
'बहुत जल्दी विषय से भटक जाते'
अपने पिता प्रणब दा से बातचीत के आधार पर शर्मिष्ठा ने लिखा, 'राहुल गांधी की कई सारी चीजों में रूचि थी. उनके मन में कई तरह के सवाल होते थे, जिनके वे जवाब ढूंढना चाहते थे. लेकिन समस्या ये थी कि उनका मन बहुत जल्द ही एक विषय से हट जाता था और वे दूसरे मुद्दे पर शिफ्ट हो जाते थे. उनकी यह अधीरता उन्हें कई मुद्दों पर पीछे छोड़ देती थी.'
'सोनिया गांधी मुझे पीएम नहीं बनाएंगी'
अपने पिता के प्रधानमंत्री न पाने के सवाल पर शर्मिष्ठा लिखती हैं, 'सोनिया गांधी के इनकार के बाद पार्टी में चर्चा थी कि प्रणब मुखर्जी या मनमोहन सिंह में से कोई एक पीएम बनेगा. जब मैंने उत्साह में अपने पिता को फोन करके पूछा तो उन्होंने दोटूक जवाब दिया कि सोनिया गांधी मुझे पीएम नहीं बनाएंगी. मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. यह बात सुनकर मुझे हैरानी हुई थी.'