Prashant Kishor: बिहार में 3 हजार किलोमीर पैदल चलेंगे प्रशांत किशोर, 2 अक्टूबर से शुरू होगी पदयात्रा
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Prashant Kishor: बिहार में 3 हजार किलोमीर पैदल चलेंगे प्रशांत किशोर, 2 अक्टूबर से शुरू होगी पदयात्रा

Bihar News: प्रशांत किशोर ने आने वाले 10 वर्षों में बिहार को देश के शीर्ष दस राज्यों में शामिल करने के संकल्प के साथ जन सुराज अभियान के तहत इस पदयात्रा से जुड़ने की अपील की है.

Prashant Kishor: बिहार में 3 हजार किलोमीर पैदल चलेंगे प्रशांत किशोर, 2 अक्टूबर से शुरू होगी पदयात्रा

Prashant Kishor: चुनावी रणनीतिकार के रूप में चर्चित प्रशांत किशोर अब बिहार में अपने लिए जमीन तलाश रहे हैं. वह 2 अक्टूबर से राज्य में तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे. यह यात्रा गांधी जयंती के दिन 2 अक्तूबर को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू होगी. प्रशांत किशोर ने आने वाले 10 वर्षों में बिहार को देश के शीर्ष दस राज्यों में शामिल करने के संकल्प के साथ जन सुराज अभियान के तहत इस पदयात्रा से जुड़ने की अपील की है.

प्रशांत किशोर ने कहा है कि इस पदयात्रा के मूल उद्देश्य हैं - समाज की मदद से जमीनी स्तर पर सही लोगों को चिह्न्ति करना, उनको एक लोकतांत्रिक मंच पर लाने का प्रयास करना तथा स्थानीय समस्याओं और संभावनाओं को बेहतर तरीके से समझना और उनके आधार पर नगरों एवं पंचायतों की प्राथमिकताओं की सूची बनाना और उनके विकास का ब्लूप्रिंट तैयार करना.

प्रशांत किशोर कहा कि इस पदयात्रा का उद्देश्य बिहार के समग्र विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक विकास, कृषि, उद्योग और सामाजिक न्याय जैसे 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेषज्ञों और लोगों के सुझावों के आधार पर अगले 15 साल का एक विजन तैयार करना है.

नीतीश के लिए चुनावी रणनीति बना चुके हैं प्रशांत
बता दें प्रशांत किशोर ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए पेशेवर क्षमता में काम किया था और महागठबंधन की जीत पर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने के साथ मुख्यमंत्री के सलाहकार के पद से पुरस्कृत किया गया था.

जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं प्रशांत किशोर
आईपैक के संस्थापक किशोर ने बाद में अन्य राज्यों में अन्य पार्टियों के चुनाव अभियान के प्रबंधन में व्यस्त रहे. वह वर्ष 2018 में जदयू में शामिल हुए जब कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. जदयू में शामिल होने के कुछ ही हफ्तों में वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किए गए, लेकिन सीएए-एनपीआर-एनआरसी (संशोधित नागरिकता कानून- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर- राष्ट्रीय नागरिक पंजी) विवाद पर मतभेद को लेकर तत्कालीन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वर्मा के साथ निष्कासित कर दिए गए.

वैसे प्रशांत किशोर 2014 में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए शानदार सफलतापूर्वक चुनाव अभियान का प्रबंधन भी कर चुके हैं.

(इनपुट - एजेंसी)

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