नए सांसदों के स्वागत के लिए संसद भवन में तैयारियां जोरों पर
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नए सांसदों के स्वागत के लिए संसद भवन में तैयारियां जोरों पर

 संसद भवन के सौंदर्यीकरण के तहत सेंट्रल हाल को नया रंग रूप दिया गया है .

 (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सत्रहवीं लोकसभा के नव निर्वाचित सदस्यों की सुविधा एवं पंजीकरण के लिये संसद भवन में एकीकृत व्यवस्था की गई है और साथ ही उनकी आगवानी के लिए भवन को सजाया संवारा जा रहा है. संसद भवन के सौंदर्यीकरण के तहत सेंट्रल हाल को नया रंग रूप दिया गया है .

लोकसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि नव निर्वाचित सदस्यों को दो तरह के फार्म भरने होते हैं . इसमें प्रथम फार्म में शपथ और प्रतिज्ञा, नमूना हस्ताक्षर, यात्रा एवं दैनिक भत्ता, अस्थायी आवास के आवंटन संबंधी आवेदन, मोबाइल फोन एवं ई मेल बनाने संबंधी आवेदन शामिल होता है.

दूसरे फार्म में नव निर्वाचित सदस्यों का मास्टर डाटा, बैंक का ब्यौरा, कार का लेबल, समन्वित पहुंच नियंत्रण डाटा, जनरल पास के अलावा दल बदल विरोधी घोषणा शामिल होती है.

संसद भवन के कमरे नम्बर 62 में सांसदों के लिए एकीकृत सुविधा केंद्र बनाया गया है जहां उन्हें एक ही जगह पर पहचान-पत्र से लेकर सूचना किट तक सबकुछ उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है .

शुक्रवार को पंजीकरण के पहले दिन अर्जुन राम मेघवाल, संतोष कुमार गंगवार, रतन लाल कटारिया जैसे नव निर्वाचित सांसदों ने पंजीकरण कराया . संसद में सांसदों की सुविधा के लिए सूचना केंद्र 24-28 मई तक लगातार काम कर रहा है ताकि निर्वाचन के बाद दिल्ली पहुंचने वाले सांसदों को हरसंभव मदद की जा सके . इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे पर सांसदों की अगवानी पूरी सत्कार भावना से की जाए .

गौरतलब है कि चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद सभी विजेता उम्मीदवारों को निर्वाचन अधिकारी एक प्रमाण-पत्र जारी करता है . सभी सांसदों को दिल्ली पहुंचने पर निर्वाचन अधिकारी का यह पत्र लोकसभा सचिवालय को देना होता है. इस पत्र के आधार पर ही बतौर सांसद उनका नाम दर्ज किया जाता है और उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं .

लोकसभा सचिवालय ने नव निर्वाचित सांसदों के पंजीकरण से लेकर दिल्ली में उनकी सुविधा के व्यापक प्रबंधन किये हैं. इसके लिये 56 नोडल अधिकारी समेत 150 कर्मचारियों की टीम बनाई गई है.

प्रत्येक नोडल अधिकारी के जिम्मे 8-10 सीटें दी गई हैं. सांसदों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पहली बार रिटर्निंग ऑफिसर को अग्रिम फार्म भेजे गए थे ताकि उनसे जुड़ी प्रारंभिक जानकारी एकत्र की जा सके. दिल्ली आने पर नये सांसदों को तत्काल पहचान पत्र दिये जाएंगे.

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