राष्ट्रपति ने 'विराट' को दी विदाई, असाधारण सेवा के लिए सम्मानित भी हो चुका है
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राष्ट्रपति ने 'विराट' को दी विदाई, असाधारण सेवा के लिए सम्मानित भी हो चुका है

राष्ट्रपति के अंगरक्षक बेड़े में शामिल घोड़ा ‘विराट’ अब रिटायर हो चुका है. आइये आपको बताते हैं काले रंग के शानदार कदकाठी वाले घोड़े ‘विराट’ के बारे में सबकुछ...

राष्ट्रपति ने 'विराट' को दी विदाई, असाधारण सेवा के लिए सम्मानित भी हो चुका है

नई दिल्लीः राष्ट्रपति के अंगरक्षक बेड़े में शामिल घोड़ा ‘विराट’ बुधवार को 73वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड के बाद सेवानिवृत्त हो गया. राष्ट्रपति के अंगरक्षक कमांडेंट कर्नल अनूप तिवारी इसके घुड़सवार थे. काले रंग के शानदार कदकाठी वाले घोड़े ‘विराट’ ने गणतंत्र दिवस परेड में 13 बार हिस्सा लिया. 

  1. राष्ट्रपति के अंगरक्षक बेड़े में शामिल विराट रिटायर
  2. शानदार कदकाठी वाला काबिल घोड़ा है विराट
  3. 2003 में राष्ट्रपति के अंगरक्षक परिवार में हुआ था शामिल

पीएम मोदी ने विराट को प्यार से थपथपाया

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परेड के बाद घोड़े को प्यार से थपथपाया और विदाई दी. इससे पहले,15 जनवरी को सेना दिवस की पूर्व संध्या पर विराट को ‘चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. असाधारण सेवा और काबिलियत के लिए पुरस्कार पाने वाला ‘विराट’ पहला घोड़ा है. 

अब तक का सबसे भरोसेमंद घोड़ा

राष्ट्रपति के अंगरक्षक बेड़े में अब तक का सबसे भरोसेमंद घोड़ा विराट ही रहा है. विराट हनोवेरियन नस्ल का घोड़ा है. इसे 2003 में राष्ट्रपति के अंगरक्षक परिवार में शामिल किया गया था.

कद-काठी देख दंग रह जाते हैं लोग

अंगरक्षक परिवार में के अनुशासित घोड़ों में  विराट का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है. विराट की कद-काठी और आकार लोगों को आकर्षित करता रहा है.

(भाषा इनपुट के साथ)

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