राष्ट्रपति ने सांसदों-विधायकों से कहा, 'बहस के दौरान विरोध जताते समय रखें मर्यादा का ख्याल'
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राष्ट्रपति ने सांसदों-विधायकों से कहा, 'बहस के दौरान विरोध जताते समय रखें मर्यादा का ख्याल'

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि संसद में चर्चा अनुशासित तरीके से होनी चाहिए और विरोध में मान - मर्यादा की भावना होनी चाहिए. 

रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने मंगलवार को कहा कि संसद या राज्य विधानसभाओं में परिचर्चा या बहस के दौरान विरोध दर्ज कराते समय सांसदों और विधायकों को मर्यादा बनाए रखनी चाहिए. कोविन्द ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र की सफलता के लिए यह जरूरी है कि संसद के सभी सदस्य एक - दूसरे के विचारों का सम्मान करें और उनकी मान - मर्यादा बना रखें. राष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि संसद की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होता है. 

राष्ट्रपति ने कहा , ‘जनता अपनी समस्याओं पर चर्चा तथा देश के विकास के लिए योजनाओं पर चर्चा चाहती है. लोगों की उम्मीदों तथा हमारे देश के नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में प्रयास करना संसद का दायित्व है.'  कोविन्द ने कहा कि लोकतंत्र में संसद और विधानसभाओं की भूमिका चर्चा , बहस और फैसला करने की है. 

उन्होंने यहां लोकसभा अध्यक्षीय शोध पहल (एस आर आई) की तीसरी वर्षगांठ से संबंधित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘कई बार , इस प्रक्रिया में विरोध का तत्व अपरिहार्य हो सकता है. लेकिन विरोध जताते समय विधायकों और सांसदों को मर्यादा बनाए रखनी चाहिए.’ लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की पहल पर एस आर आई का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जुलाई 2015 को किया था. 

संसद में चर्चा अनुशासित तरीके से होनी चाहिए
राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि संसद में चर्चा अनुशासित तरीके से होनी चाहिए और विरोध में मान - मर्यादा की भावना होनी चाहिए. इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि एस आर आई स्थापित करने की प्रेरणा सोलहवीं लोकसभा में 300 से अधिक नए सदस्यों की उपस्थिति से आई. 

यह उल्लेख करते हुए कि संसद के सदस्य विभिन्न स्तरों पर अपना दायित्व निभाने के लिए विविध भूमिकाएं निभाते हैं , लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भूमंडलीकरण के युग में मुद्दों की जटिलता ने सांसदों का काम अधिक कठिन और जटिल बना दिया है. 

उन्होंने कहा, ‘इस तरह के परिदृश्य में समय की जरूरत यह है कि सांसद अति विशेषज्ञता से पूर्ण और सुविज्ञ फैसले करें. इन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एस आर आई देशभर से विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सेवा लेती है जिससे कि वे सदस्यों के साथ अपना ज्ञान साझा कर सकें.’ 

(इनपुट - भाषा)

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