बता दें नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया था. लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका था.
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( Ramnath Kovind) ने नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment bill) को अपनी मंजूरी दे दी है. गुरुवार देर रात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह विधेयक अब कानून बन गया है. बता दें नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया था. लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका था.
इस बिल पर राष्ट्रपति कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसके बाद नागरिकता कानून, 1955 में संबंधित संशोधन हो गया है. इस बिल के कानून बन जाने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों - हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता आसानी से मिल जाएगी.
President Ram Nath Kovind gives his assent to The Citizenship (Amendment) Act, 2019. pic.twitter.com/RvqZgBjhis
— ANI (@ANI) December 12, 2019
बता दें राज्यसभा में इस विधेयक के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े. इससे पहले विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया.
पूर्वोत्तर में हो रहा है बिल का विरोध
इस बिल को लेकर पूर्वातर राज्यों में विरोध हो रहा है. खासकर असम (Assam) में इस बिल का विरोध हिंसक रूप ले चुका है. गुवाहाटी में सेना ने फ्लैग मार्च किया. प्रशासन ने गुरुवार 12 बजे से राज्य में अगले 48 और घंटों के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है. यहां तक कि अधिकांश एयरलाइनों ने डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी से उड़ानें रद्द कर दीं और ट्रेन की आवाजाही रोक दी गई है.
गुवाहाटी पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार का तबादला कर दिया गया है उनकी जगह मुन्ना प्रसाद गुप्ता गुवाहाटी के नए पुलिस कमिश्नर होंगे . असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से शांत होने और शांति व्यवस्था को बनाए रखने की अपील की है. गुरुवार को असम के अलावा त्रिपुरा में भी सेना की तैनाती की गई.