दुष्कर्मियों को माफी के खिलाफ हैं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बोले- ये प्रावधान खत्म हो
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दुष्कर्मियों को माफी के खिलाफ हैं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बोले- ये प्रावधान खत्म हो

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेज (पॉक्सो) एक्ट के तहत दुष्कर्म के दोषियों को दया याचिका की अनुमति नहीं होनी चाहिए.'

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रेप जैसे मामलों में कतई माफी के पक्ष में नहीं हैं.

सिरोही (राजस्थान): राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने शुक्रवार को कहा कि बच्चों से दुष्कर्म करने वालों के लिए दया याचिका का प्रावधान नहीं होना चाहिए. राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे में आया है जब पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म व जघन्य अपराधों को लेकर बेहद नाराजगी है. कोविंद ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेज (पॉक्सो) एक्ट के तहत दुष्कर्म के दोषियों को दया याचिका की अनुमति नहीं होनी चाहिए.' महिलाओं की सुरक्षा को गंभीर मुद्दा बताते हुए उन्होंने कहा, 'संसद को दया याचिकाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए.' राष्ट्रपति ने दया याचिकाओं के संबंध में संविधान में संशोधन का आह्वान किया.

उन्होंने कहा, 'मैंने सिफारिश की है कि दया याचिका के संदर्भ में संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए. मेरी राय में पॉक्सो एक्ट में दोषी करार दिए गए लोगों को दया याचिका की सीमा में नहीं आने देना चाहिए.' राष्ट्रपति ने कहा, 'दुष्कर्मियों के लिए कोई दया नहीं होनी चाहिए. इस तरह की घटनाओं से पूरा देश स्तब्ध होता है.'

उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि आप मेरी भावनाओं को समझते हैं, लेकिन इस संविधान संशोधन पर अंतिम निर्णय संसद को लेना है.' संसद ने इस साल अगस्त में पॉक्सो एक्ट में संशोधन किया है और जघन्य दुष्कर्म के मामले में मौत की सजा को शामिल किया है.

निर्भया मामला : गृह मंत्रालय ने दोषी की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले के दोषियों में से एक की दया याचिका को खारिज करने की राष्ट्रपति से सिफारिश की है. सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि दोषी विनय शर्मा की दया याचिका के संदर्भ में फाइल राष्ट्रपति भवन को भेज दी गई है. इसके पहले दिल्ली सरकार ने 2012 के निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषियों में से एक की दया याचिका को खारिज किए जाने की रविवार को 'मजबूती से सिफारिश' की थी.

इस सिफारिश में दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह ऐसा मामला था, जहां दूसरों को इस तरह के जघन्य अपराधों को करने से रोकने के लिए ऐसा दंड दिया जाना चाहिए, जो नजीर बने.

शर्मा की याचिका पर जैन ने लिखा, 'यह अपीलकर्ता द्वारा किया गया जघन्यतम अपराध है. इस मामले में ऐसा दंड दिया जाना चाहिए कि इस तरह के जघन्य अपराधों को करने से रोकने के लिए एक नजीर बने. दया याचिका में कोई सार नहीं है, इसे खारिज करने के लिए सख्ती से सिफारिश की जाती है.'

सुप्रीम कोर्ट व दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद याचिका को दिल्ली सरकार को अग्रसारित किया गया था. कोर्ट ने याचिका को अस्वीकार करते हुए कहा था, 'वह दया के लायक नहीं है.' 23 साल की महिला से 16 दिसंबर, 2012 को सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे यातनाएं दी गई थीं, जिससे उसकी मौत हो गई. सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनपर यौन उत्पीड़न व हत्या के आरोप लगाया गया.

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