President Election 2022: यशवंत सिन्हा ने अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर दे दिया ये बयान, केंद्र को घेरा
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President Election 2022: यशवंत सिन्हा ने अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर दे दिया ये बयान, केंद्र को घेरा

Presidential Election 2022: सिन्हा ने कहा, ‘बहुत सारे मुद्दों पर प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए, लेकिन कुछ मुद्दों पर राष्ट्रपति को भी बोलना चाहिए...राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को बुलाकर इन विषयों पर कम से कम चर्चा तो कर सकते थे.’

President Election 2022: यशवंत सिन्हा ने अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर दे दिया ये बयान, केंद्र को घेरा

Presidential Election 2022: देश में विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को कहा कि पिछले पांच साल में देश ने एक ‘खामोश राष्ट्रपति’ देखा. सिन्हा ने कहा कि वह नहीं जानते कि इन चुनावों के बाद उनका ‘क्या हश्र होगा’, लेकिन अगर वह राष्ट्रपति चुने गए, तो ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जैसी सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग रुक जाएगा. राष्ट्रपति पद के लिये विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार सिन्हा ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से यह बात कही. इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे.

यशवंत सिन्हा का पीएम मोदी पर हमला

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार देश में जानबूझकर नफरत का माहौल बना रही है और ‘समाज आज सांप्रदायिक दृष्टिकोण से जितना बंट गया है, उतना शायद भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय 1947 में भी उतना नहीं बंटा था.’

केंद्र की आर्थिक नीतियों पर हमला

पूर्व वित्त मंत्री ने केंद्र की आर्थिक नीतियों, रूपये के अवमूल्यन और घटती विकास दर को लेकर केंद्र पर हमला बोला. हालांकि उन्होंने कहा कि भारत श्रीलंका जैसी स्थिति नहीं देखेगा. सिन्हा ने कहा, ‘राष्ट्रपति पद के चुनाव में बहुत ज्यादा राजनीति नहीं होती है… सरकार चाहती, तो सर्व सम्मति बन सकती थी और संवैधानिक पद की गरिमा को देखते हुए ऐसा होता तो शायद बेहतर रहता, लेकिन सरकार ने इसके बारे में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया.’ उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री ने सिर्फ विपक्ष को नीचा दिखाने के लिये राष्ट्रपति चुनाव पर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किये.

सिन्हा ने किया श्रीलंका का जिक्र

उन्होंने कहा, ‘भारत की स्थिति श्रीलंका जैसी नहीं है. श्रीलंका एक छोटा मुल्क है और पर्यटन श्रीलंका का सबसे बडा उद्योग था, जो कोविड के चलते समाप्त हो गया और उनका विदेशी मुद्र भंडार समाप्त हो गया, जिससे वहां आर्थिक संकट पैदा हुआ.... इसलिए मुझे नहीं लगता कि भारत में श्रीलंका जैसी स्थिति पैदा होगी.’ यह पूछे जाने पर कि वह मौजूदा राष्ट्रपति के कार्यकाल को कैसे देखते हैं, सिन्हा ने कहा, ‘... अगर हम पिछले पांच साल की बात करें तो यह राष्ट्रपति भवन का खामोशी का दौर था. हम लोगों ने एक खामोश राष्ट्रपति देखा.’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति का जो संवैधानिक दायित्व होता है, उसका उतना उपयुक्त पालन नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था.’

..अगर मैं राष्ट्रपति चुना गया

सिन्हा ने कहा, ‘बहुत सारे मुद्दों पर प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए, लेकिन कुछ मुद्दों पर राष्ट्रपति को भी बोलना चाहिए...राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को बुलाकर इन विषयों पर कम से कम चर्चा तो कर सकते थे.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे दो वादा करके जाना चाहता हूं- एक तो यह कि अगर मैं राष्ट्रपति चुना गया, शपथ लेने के दूसरे दिन से सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग रुक जाएगा.’ उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वह प्रधानमंत्री से उन मुद्दों पर बोलने के लिए कहेंगे, जिन पर बोलने की अपील मुख्यमंत्री गहलोत एवं अन्य नेता उनसे कर रहे हैं. राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है.

..चुनाव के बाद मेरा क्या हश्र होगा

सिन्हा ने इसे मतदान प्रक्रिया में भाग लेने वाले सभी जनप्रतिनिधियों के लिए बड़ा मौका बताते हुए कहा, ‘इस बार राष्ट्रपति का चुनाव असाधारण परिस्थिति में हो रहा है. इसमें आम जनता तो वोट नहीं देती है, लेकिन उसके चुने हुये प्रतिनिधि वोट देते हैं. आम जनता का यह कर्त्तव्य बनता है कि वह अपने चुने हुए प्रतिनिधि पर दबाव बनाए कि वे गलत का साथ नहीं दें, बल्कि सही का साथ दें.’ उन्होंने कहा, ‘हम केवल एक राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहे. हम सरकार की उन एजेंसियों से भी लड़ रहे हैं जो लोगों को परेशान करने के लिये इस्तेमाल की जा रही हैं. तो लड़ाई ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से है.. लड़ाई आयकर विभाग से है, लड़ाई सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) से है और मैं जानता नहीं हूं कि इस चुनाव के बाद मेरा क्या हश्र होगा.’

महाराष्ट्र की सियासत पर क्या बोले सिन्हा?

उन्होंने महाराष्ट्र और अब गोवा के हाल के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर भी भाजपा पर हमला बोला और कहा कि ऐसा राष्ट्रपति चुनाव से पहले हुआ है ताकि विपक्ष के वोट की संख्या ना बढे. देश में ‘चुनी हुई सरकारों को गिराने’ को लेकर भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत लंबे अर्से से प्रशासन और राजनीति में हूं. मैंने ऐसा माहौल देश में कभी नहीं देखा. इनका एकमात्र उद्देश्य है कि केवल हम राज करेंगे ओर हम किसी दूसरे को सत्ता में बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ साल 2020 में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर आये राजनीतिक संकट की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘गहलोत ने यहां उनका मुकाबला किया और उन्हें परास्त किया, लेकिन सतत सावधानी की आवश्यकता है, क्योंकि वे कभी भी आक्रमण कर सकते हैं.’

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(एजेंसी इनपुट के साथ)

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